एसएसपी डॉ प्रितिंदर सिंह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर भी फरहान को कौन-कौन आर्थिक मदद कर रहा था। इसकी भी पड़ताल की जा रही है। पुलिस का मानना है कि बिना स्थानीय मदद से इतने दिनों तक फरहान छिपकर नहीं रह सकता है। एसएसपी ने बताया कि दिल्ली और अहमदाबाद में भी फरहान के खिलाफ मामले दर्ज हैं। वहां की पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है। इसके साथ और कौन- कौन है शामिल है, इसका भी पता लगाया जा रहा है। हालांकि, यह माना जा रहा है कि फरहान के आतंकी गुटों से कनेक्शन थे। अब वो मुरादाबाद में क्यूं और किसकी मदद से रह रहा था, इसकी पड़ताल की जा रही है। फिलहाल, फरहान का मेडिकल कराकर जेल भेज रहा है, जहां एजेंसी या पुलिस रिमांड पर लेकर उससे और पूछताछ करेगी।
बता दें कि फरहान अहमद मूलरूप से शोहरतगढ़ सिद्धार्थ नगर का रहने वाला है। वह लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य है। छह अगस्त 2007 को दिल्ली की स्पेशल टीम ने उसे पोटा मामले में गिरफ्तार किया था। उसे कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी। 2009 में दिल्ली हाईकोर्ट से वह जमानत पर छूट गया। कोर्ट ने उसका पासपोर्ट जब्तीकरण के साथ विदेश जाने पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद वो फर्जी पासपोर्ट बनवाकर कुवैत चला गया था। इसके बाद वो कब मुरादाबाद आकर पहचान छिपाकर रहने लगा, किसी को पता नहीं चला। उसके कब्जे से फर्जी पासपोर्ट, राशन कार्ड, पैन कार्ड व आधार कार्ड भी बरामद किया गया है।