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ये झूठ आया था पकड में
एसडीएम सदर अस्मिता लाल के मुताबिक लेखपाल रविन्द्र सिंह राठी और लेखपाल तस्लीम अहमद ने विवाह योजना में दो जोड़ों की गलत आख्या दी थी। जिनमें उनकी शादी की तारीख झूठी निकली। इन लेखपालों की रिपोर्ट पर दोनों जोड़ों को सरकारी अनुदान 20-20 हजार भी मिल गया। एक शिकायत के बाद तहसीलदार और नायब तहसीलदार से जांच करवाई गयी। जिसमें दोनों लेखपालों की भूमिका उजागर हुई है। जिसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
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इन्हें दिखाया था पात्र
लेखपाल रविन्द्र राठी ने नया गांव निवासी सुभाष की बेटी रजनी की शादी की तारीख 8 मई 2017 बताई थी। जबकि स्थलीय सत्यापन में ये तारीख गलत निकली। इसमें सुभाष को अपात्र घोषित किया गया। इसी तरह लेखपाल तस्लीम अहमद ने भी मुकर्रबपुर के विनोद की शादी की गलत आख्या दी थी। दोनों के बैंक खातों में अनुदान की राशि भी पहुंच गयी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
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लेखपाल बोले हमारी आवाज दबाई जा रही
वहीँ उधर लेखपाल रविन्द्र राठी जोकि लेखपाल संघ का जिला अध्यक्ष भी है,ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने एस्मा लगाने के बाद निलंबन की कार्यवाही की है। ताकि लेखपाल आन्दोलन वापस ले लें।
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सरकार ने लगाया एस्मा
यहां बता दें की लेखपाल संघ के प्रांतीय आह्वान पर वेतन व अन्य मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर बैठे हैं। मंगलवार शाम शासन ने लेखपालों की हड़ताल को अवैधानिक बताते हुए एस्मा लगा दिया। बावजूद इसके लेखपालों का धरना जारी है।
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इन्हें हो रही परेशानी
वहीँ लेखपालों की हड़ताल के कारण लोगों के जरुरत के प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे। इसमें सबसे ज्यादा शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर छात्र छात्राओं को हो रहा है। उनके जाति, आय,निवास व अन्य कई प्रमाण पत्र बनने होते हैं। लेकिन हड़ताल के कारण सभी प्रभावित हैं।