इतने फीसदी वोटों पर दावा
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कि 51 फीसदी वोट हमारे हैं बाकि में सभी का बंटवारा होना है। इसलिए हमें चिंता नहीं है। ये गठबंधन 1989 व् 93 में भी हुआ था कितना चला। इसलिए इसका कोई आधार नहीं है। ये ज्यादा नहीं चलने वाला। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के विकार कार्यों से ये सभी डरे हुए हैं। इसलिए इस गठबंधन से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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बढ़ी बेचैनी यहां बता दें कि शनिवार को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस कर एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया। जिसके बाद भाजपा की बेचैनी बढ़ गयी है। फिलाहल अब सभी का रुख कांग्रेस पर टिक गया है।