मुरादाबाद

मुरादाबाद: लेखपालों ने बेच डाली सीलिंग की 48 हजार वर्ग मीटर जमीन

सीलिंग की सोलह एकड़ जमीन में से करीब 48000 वर्ग मीटर जमीन बेच डाली गई है। हैरत की बात तो यह है कि इस जमीन का दाखिल खारिज भी हो गया है।

मुरादाबादSep 18, 2017 / 02:35 pm

pallavi kumari

Moradabad Lekhpal

मुरादाबाद. जनपद में एक बाद एक जमीन के घोटालों में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारीयों की मिलीभगत के मामले सामने आ रहे हैं। अभी तक एक जमीन के घोटाले का विवाद खत्म नहीं हुआ कि दूसरा घोटाला सामने आ गया। मैनाठेर में सीलिंग की कीमती जमीन में कोर्ट केस भी चलता रहा और इधर लेखपाल बैनामा करते रहे। यहां सोलह एकड़ जमीन सीलिंग की थी। जिसमें करीब 48000 वर्ग मीटर जमीन बेच डाली गई है। हैरत की बात तो यह है कि इस जमीन का दाखिल खारिज भी हो गया है।
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इस मामले की जांच एडीएम प्रशासन ने कार्रवाई तो हकीकत सबके सामने आई है। खबरों की मानें तो इसमें कुछ लेखपालों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। कोर्ट में मामला चलता रहा है और इधर करीब 48000 वर्गमीटर जमीन का सौदा कर दिया गया। हैरत इस बात की है कि इस जमीन में दाखिल खारिज भी हो गया। जबकि नियमानुसार दाखिल खारिज नहीं होने चाहिए थे।
एडीएम प्रशासन लक्ष्मीशंकर सिंह ने इस मामले का संज्ञान लिया और जांच में जमीन के बैनामा होना सही पाया गया है। इसमें कुछ लेखपालों पर गाज गिरना तय है।

मैनाठेर मामले में दोषियों पर होगी कार्रवाई
मैनाठेर मामले में दोषी लेखपालों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। बैनामों के दौरान जितने लेखपाल रहे हैं या अन्य कोई दोषी है उसे बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले की जांच रिपोर्ट मिल गई है। उसका विस्तार से अवलोकन किया जा रहा है। मैनाठेर में जमीन के बैनामे के बाद दाखिल खारिज हो गया। इससे पूरी व्यवस्था पर सवालिया निशान लग रहा है। जमीन का सौदा यहां बरसों से होता आ रहा है, एक से एक मामले खुल रहे हैं। आपको बतादें कि ऐसा पहले भी हो चुका है। जिसमें तीन सदस्यी जांच कमेटी ने एमडीए की कब्जे वाली जमीन के घोटाले का खुलासा किया था। इसके बाद से ही मामला अटका है।
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