आपको बतादें कि राधे मां यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने रामपुर पहुंची थी। रामपुर में जिन लोगों ने राधे मां को बुलाया था, उन लोगों ने राधे मां का जोरदार स्वागत किया। बग्घी पर उनको बिठाकर नगर की सड़क से लेकर पुराने गंज तक उनका स्वागत किया। इस दौरान राधे मां एक दुर्घटना की शिकार होने से बाल-बाल बच गईं। बग्घी की सवारी के दौरान वह एक बड़े हादसे का शिकार हो सकती थी। गनीमत रही कि जिन बिजली के तारों में धमाका हुआ, वह धमाके के बाद आग नहीं लगी और अगर आग लग जाती तो राधे मां को गंभीर चोट आ सकती थी।
दरअसल रामपुर में जब राधे मां का स्वागत उनके अनुयायी कर रहे थे, तभी अचानक राधे मां की बग्घी के ऊपर से गुजर रहे बिजली के तार टकरा गया। इस दौरान तारों में एक धमका हुआ। कुछ देर के लिए राधे मां की धड़कने बढ़ गई। मानो राधे मां की सांसें थम गईं। राधे मां रामपुर जिले के नए गंज स्थित एक मोहल्ले में एक कपड़ा व्यापारी विनोद के घर आई थीं। राधे मां के मुताबिक बीते 15 सालों से रामपुर के तमाम भक्त उनका इंतजार कर रहे थे। 15 सालों की तमाम कोशिशों के बाद राधे मां बीती रात रामपुर पहुंच गई।
राधे बोली जो लोग अपनी मां का दिल दुखा कर मंदिर में जाते हैं, वह किसी के नहीं हो सकते। अगर घर वाली मां दुखी है तो समझो मंदिर वाली मां कभी खुश नहीं हो सकती। तो यहां गुरु का तो सवाल ही पैदा नहीं हो सकता है। राधे मां ने यह भी कहा कि मैं दूसरों पर कभी कमेंट नहीं करती मैं खुद को हमेशा साफ रखती हूं।