जेल में बंद पूर्व विधायक को सभी मामलों में मिली जमानत लेकिन अभी नहीं निकल सकेंगे बाहर
हरदोई से दी गयी थी सूचना
अवध असम एक्प्रेस ट्रेन से बिहार के कटिहार जिले के बरसाई के सात किशोर एक नाबालिक जफर आलम के साथ ट्रेन में सफर कर रहे थे। सभी किशोरों की सन्दिग्ध परिस्थितियों में देखते हुए हरदोई के डॉक्टर मनोज ने 1090 चाइल्ड लाइन की सूचना दी। सूचना पर हरकत में आई चाइल्ड लाइन वालो ने ट्रेन की लोकेशन जब रामपुर स्टेशन आयी। लेकिन तब तक ट्रेन रामपुर से जा चुकी थी। मुरादाबाद चाइल्ड लाइन वालो ने मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए मुरादाबाद स्टेशन पहुंच गयी। ट्रेन के आते ही जीआरपी ओर चाइल्ड लाइन वालो ने बोगी नम्बर एस 6 में जाकर चेकिंग कर सभी किशोरों से पूछताछ की तो वह कुछ बताने में असमर्थ दिखाई दिए। जिसपर सभी किशोरों ओर उनको ले जाने वाले जफर को ट्रेन से नीचे उतार कर जीआरपी थाने ले आयी।
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बच्चों को लेकर जा रहा था राजस्थान
जफर ने बताया कि यह सभी किशोर मेरे रिश्तेदार है और इनको मदरसे की पढ़ाई के लिए राजस्थान के फतेपुर सीकर लेकर जा रहा था। चाइल्ड लाइन की श्रद्धा शर्मा ने बताया कि चाइल्ड लाइन के हेल्प लाइन 1090 पर हरदोई के डॉक्टर मनोज ने सूचना दी थी। डॉक्टर मनोज भी ट्रेन की इसी बोगी में सफर कर रहे थे। उसके बाद ट्रेन रामपुर से निकल चुकी थी जब हमको सूचना मिली हमने तुरन्त सूचना पर कार्यवाही करते हुए मुरादाबाद स्टेशन पर पहुच गए और ट्रेन आने पर सभी किशोरों को सुरक्षित नीचे उतार लिया। अभी तक कि पूछताछ में जफर ने यही बताया कि वह इन सभी को मदरसे में पढ़ने के लिए राजस्थान लेकर जा रहा था। लेकिन सभी किशोर सही बात बताने में असमर्थ है। सभी के परिवार वालो के नाम और फोन नम्बर लेकर संपर्क किया जा रहा है कि सच्चाई क्या है कही यह मामला मानव तस्करी का तो नही।
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क्राइम ब्रांच जांच में जुटी
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ध्रुव कुमार ने बताया कि सूचना पर तुरन्त स्टेशन पर आकर सभी बच्चों को ट्रेन से उतार लिया गया। अब सभी से पूछताछ की जा रही है। सभी किशोर बिहार के रहने वाले है जो राजस्थान जा रहे थे। इनके परिवार वालों से बात के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि ये वाकई पढ़ने के लिए जा रहे थे या फिर इन्हें किसी और काम के लिए ले जाया जा रहा था।
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मानव तस्करी का शक
पूरे मामले को देखा जाए तो मामला सन्दिग्ध नजर आ रहा है। एक साथ 7 किशोरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में लेकर जाना वह भी मदरसे में पढ़ने के लिए, जबकि बिहार में भी बहुत मदरसे ही फिर इनको राजस्थान क्यो भेजा जा रहा था। किशोरों के साथ परिवार का कोई भी सदस्य नही है। सभी के साथ एक नाबालिक को क्यों भेजा गया। कही नाबालिक पर किसी को शक नहीं हो और इसी बहाने कही मानव तस्करी तो नही की जा रही थी। इन सभी बिन्दुओं पर चाइल्ड लाइन और जीआरपी जांच कर रही है।