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दिवाली 2017: 29 साल बाद बन रहा है खास संयोग, राशि के अनुसार इस तरह पूजा करने से मिट जाएगा आर्थिक संकट

locationमुरादाबादPublished: Oct 17, 2017 07:49:21 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

29 साल बाद 2017 की दिवाली में खास संयोग बन रहा है। अगले कई सालों तक फिर ऐसा संयोग नहीं बनेगा।

special coincidence diwali 2017 after 29 years
मुरादाबाद। धनतेरस के साथ-साथ पूरे देश में दिवाली की धूम शुरू हो गई है। दीपावली को वैभव और संपन्नता का पर्व भी माना जाता है। लेकिन, इस साल की दिवाली कुछ खास संयोग लेकर आई है। दरअसल, २९ साल बाद इस बार दिवाली गुरुवार को पड़ रही है। ज्योतिष के मुताबिक, जो भी व्यक्ति आर्थिक संकट या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रस्त है, मां लक्ष्मी की अराधना करने से उसके जीवन में निश्चित रूप से बदलाव आएगा। राशि के अनुसार ऐसे करें मां-लक्ष्मी की पूजा-अर्चना…
मुरादाबाद के वरिष्ठ ज्योतिष पंकज वशिष्ठ ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि इस बार की दिवाली बेहद ही खास है। उनके मुताबिक, सम्बंधित राशि के जातक अपनी राशि के हिसाब से मां-लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करेंगे तो सालभर कोई संकट नहीं आएगा। पंकज वशिष्ठ के अनुसार, वृष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि के जातक मां लक्ष्मी को केसर-लाल गुलाब, रक्तचंदन (लाल चन्दन) और धूप अर्पित करें। इसके साथ ही इस राशि के लोग श्री सूक्ति का भी पाठ करें। इससे पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी और आर्थिक संकट भी दूर हो जाएंगे।
मेष, कुम्भ, मीन राशि के लोग कमल फूल के साथ रोली अक्षत मां लक्ष्मी को अर्पित करें और कनक धारा मन्त्र का स्त्रोत करें। वहीं, कन्या, तुला, धनु, मकर राशि के जातक हरी इलायची के साथ कमल गट्टे, सुपारी, लाल या पीले पुष्प, गुलाब और केबड़ा मां लक्ष्मी को अर्पित करें। इसके अलावा लक्ष्मी सिद्ध मन्त्र भी 108 बार जाप करें। ऐसा करने से आर्थिक संकट और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से निजात मिलेगा।
इस समय करें मां-लक्ष्मी की पूजा

ज्योतिष पंकज वशिष्ठ ने बताया कि घर में मां-लक्ष्मी की पूजा करने का सबसे उपयुक्त समय शाम 7 बजकर २५ मिनट से लेकर ८ बजकर २५ मिनट है। जबकि, तंत्र पूजा के लिए रात साढ़े ग्यारह बजे से लेकर साढ़े बारह बजे तक का समय उपयुक्त है। इस समय अपने राशि अनुसार मां-लक्ष्मी की पूजा करने से निश्चित लाभ मिलेगा। पकंज वशिष्ठ का यह भी कहना है कि इस वर्ष जो संयोग बन रहा है, वो अगले कई सालों तक बनना मुश्किल है। लिहाजा, पूजा के मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। ज्योतिष के मुताबिक, मुहूर्त में की गई पूजा का विशेष लाभ मिलता है।

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