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अजब गजब: महिला के पेट में तीन साल से कनखजूरा,डाक्टर बता रहे वहम

locationमुरादाबादPublished: May 09, 2018 04:45:07 pm

Submitted by:

jai prakash

महिला ने ये कहकर डाक्टरों में सनसनी फैला दी है कि उसके पेट में कनखजूरा है।जबकि डाक्टरों के मुताबिक ऐसा संभव ही नहीं।

moradabad

मुरादाबाद: शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने ये कहकर डाक्टरों में सनसनी फैला दी है कि उसके पेट में कनखजूरा है।जबकि डाक्टरों के मुताबिक ऐसा संभव ही नहीं। क्यूंकि बाहरी जीव शरीर के अंदर इतने दिन तक नहीं रह सकता। महिला को सिर्फ वहम है,और कुछ नहीं। जबकि महिला अपने दावे पर डटी हुई है। उसके मुताबिक उसके शरीर के अंदर कनखजूरा होने की वजह से हालात खराब होते जा रहे हैं।

हरथला कालोनी में रहने वाली मीना जिला अस्पताल में भर्ती है। चालीस वर्षीय मीना के घर में उसके पति शीशराम और दो बच्चे है। मीना का दावा है की तीन साल पहले एक रात उसने अंधेरे में बाल्टी में रखा पानी पी लिया था उसी दौरान उसके मुंह में पानी के साथ कनखजूरा चला गया। मीना को जब कनखजूरा पेट में जाने का अहसास हो गया तो वह डॉक्टरों के पास इलाज के लिए गयी। लेकिन डॉक्टरों ने उसको कनखजूरा होने का वहम बताकर घर वापस भेज दिया।

 

 

डाक्टरों ने बताया वहम

मीना के मुताबिक पिछले तीन साल से हर दिन उसके शरीर में कनखजूरा होने का अहसास उसे परेशान करता रहा। शरीर में हर दिन कनखजूरे की आहट, उसके पंजों का अहसास और उसके चलने को महसूस कर रही मीना के लिए यह वक्त किसी बुरे सपने के जैसा ही था। मीना का कहना है की कई बार कनखजूरा उसके शरीर में अंदर काटता था। इलाज के लिए कई डॉक्टरों के पास गई मीना ने एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड तक करवाये लेकिन डॉक्टर हर बार उसके ज्यादा तनाव में रहने की वजह को जिम्मेदार बता कर उसे वापस भेज देते थे।

तीन साल से कनखजूरा शरीर में होने का दावा कर रही मीना की समस्या को लेकर उसके पति भी परेशान रहने लगे जिसकी वजह से परिवार की आर्थिक हालत बिगड़ने लगी। मीना के पति शीशराम का कहना है की जब उनको कही से आराम नही मिला तो उन्होंने हकीमों की मदद लेनी शुरू कर दी। आर्थिक हालत खराब होने की वजह से बड़े अस्पतालों में इलाज कराने की परिवार की हिम्मत नहीं थी लिहाजा लोगों द्वारा बताए गए हकीमों से मीना का इलाज शुरू कराया गया।

 

झाडफूंक से बिगड़ी हालत

शीशराम का कहना है की उनके किसी परिजन ने रामपुर रोड पर एक हकीम द्वारा जहरीले कीड़ो से काटने के इलाज की जानकारी दी जिसके बाद उन्होंने मीना को हकीम को दिखाने का फैशला किया। हकीम के पास कनखजूरा निकालने पहुंचे मीना के मुताबिक हकीम ने उन्हें एक कीटनाशक दवा पिलाई। दवा पीने के कुछ देर बाद मीना को उल्टी होनी शुरू हो गयी और शरीर में तीन साल से रह रहा कनखजूरा पेट से बाहर निकल आया। मीना की बात का समर्थन कर रहे उनके पति का दावा है की उन्होंने भी शरीर से बाहर निकला कनखजूरा अपनी आंखों से देखा था जो दवाई के असर से मर चुका था। कीटनाशक दवाई के असर से कनखजूरा निकलने का दावा कर रही मीना की हालत दवाई से बिगड़ गयी तो उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 

मेडिकल साइंस में नहीं है ऐसा संभव

मीना की बातों से अस्पताल स्टाफ से लेकर अस्पताल में भर्ती मरीज भी हैरान है। जिला अस्पताल में आपातकालीन ड्यूटी में तैनात डॉक्टर अरुण तोमर मीना के दावों से सहमत नहीं है। डॉक्टर के मुताबिक शरीर में बाहर से गए किसी कीड़े का तीन साल जिंदा रहना मेडिकल साइंस के हिसाब से सम्भव नहीं है और ना ही ऐसा कोई मामला आज तक उनके सामने कभी आया है। मीना के दावों को लेकर डॉक्टर का कहना है कि शरीर के अंदर रहने वाले परजीवी मानव शरीर के अनुसार ही ढल जाते है लेकिन बाहर के माहौल में पलने वाले जीव के लिये शरीर के अंदर रहने और खुद को ढालना सम्भव नहीं होता है।

 

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