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ये है व्यवस्था
जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजेन्द्र कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल की दूसरी मंजिल पर आइसोलेशन वार्ड को भी स्वाइन फ्लू वार्ड बना दिया गया है। वार्ड में 10 मरीजों के भर्ती करने की व्यवस्था है। अस्पताल में 500 मरीजों के लिए दवा उपलब्ध है। जिला अस्पताल के अलावा प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी टैमी फ्लू टेबलेट उपलब्ध कराई जा रही है।
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ये है वायरस
एच-1, एन-1 को स्वाइन फ्लू कहा जाता है, क्योंकि ये प्रमुख तौर पर उन लोगों को प्रभावित करता है जो सुअरों के संपर्क में रहते हैं या फिर काम करते हैं। इस वायरस ने विस्तार रूप ले लिया है और ऐसे लोग भी इससे प्रभावित हुए हैं जो इस जानवर के संपर्क में भी नहीं रहते हैं।
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लक्षण
नाक से पानी आना,बार-बार छींक आना,नाक का बंद रहना,गले में खराश,बुखार, सिर और शरीर दर्द।
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उपाय
स्वाइन फ्लू पीडि़त को अपना मुंह बंद रखना चाहिए,नाक भी ढंककर रखें,प्रदूषित हवा सांस के जरिए अंदर न जाए,लोगों के संपर्क में आने से बचें,हाथों को धोकर साफ-सुथरा रखें,सार्वजनिक स्थल पर चेहरा ढक कर रखें,दूसरों के सीधे संपर्क में आने बचें,बुखार आने पर फौरन प्लेटलेट्स चेक कराएं।