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दूसरी शादी हुई थी फौजी की
यहां बता दें कि बिलारी निवासी युवती की शादी नवंबर 2016 में बरेली निवासी युवक से हुई थी, जो सेना में हवलदार के पद पर तैनात था। उसकी पहली शादी 2011 में बरेली की ही रहने वाली महिला से हुई थी। लेकिन बाद में पता चला कि उसकी पहली पत्नी कभी मां नहीं बन सकी। इसके बाद हवलदार ने बिलारी निवासी युवती के साथ बच्चे के लिए दूसरी शादी की। शादी के बाद कुछ समय तक दोनों के बीच रिश्ते सामान्य रहे, लेकिन उसके बाद अनबन रहने लगी। युवती ने हवलदार पर दहेज प्रताड़ना समेत अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए एसएसपी से शिकायत कर दी। एसएसपी ने मामला नारी उत्थान केंद्र में भेज दिया।
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ये लगाया आरोप
दोनों पक्षों को बुलाकर नारी उत्थान केंद्र में काउंसिलिंग की गई। जहां समझाने बुझाने के बाद दोनों में शर्त के साथ समझौता हो गया। कांउसिलिंग के दौरान दूसरी पत्नी ने बताया कि वह गर्भवती है और बच्चा हवलदार का है। उसने यह भी बताया कि हवलदार की पहली पत्नी मां नहीं बन सकती थी, इसलिए उसने दूसरी शादी की थी। यह बात हवलदार ने उसे और उसके पिता को पहले ही बता दी थी। कांउसिलिंग में हवलदार ने कहा कि यदि बच्चा उसका हुआ तो वह दूसरी पत्नी को साथ रखेगा। इसके लिए पैदा होने वाले बच्चे का डीएनए टेस्ट कराएगा। यदि बच्चा उसका न हुआ तो दूसरी पत्नी को छोड़ देगा। उसकी दूसरी पत्नी भी इस बात के लिए राजी हो गई।
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टेस्ट के बाद होगा फैसला
नारी उत्थान केंद्र की प्रभारी संध्या रावत ने बताया कि डीएनए कराने की शर्त पर ही दोनों के बीच समझौता हुआ है। टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद अब आगे कार्रवाई होगी।