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ट्रेन की बोगी और इंजन में खामियों को तुरंत पकड़ लेगा ‘उस्ताद’, हादसों पर लगाएगा रोक

locationमुरादाबादPublished: Oct 01, 2022 04:55:43 pm

Submitted by:

Jyoti Singh

15 जनवरी को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में बिकानेर गुवाहाटी एक्सप्रेस में हुए हादसे के बाद रेल अधिकारियों ने उस्ताद को बनाने का फैसला लिया है। उस्ताद एक आधुनिक तकनीक है, जो ट्रेन के कोच या इंजन के अंदर जहां आसानी से कर्मचारी नहीं पहुंच सकते, वहां की गड़बड़ी को पकड़कर उन्हें ठीक करेगा।

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Ustad will immediately catch faults in train bogie and engine

इंडियन रेलवे (Indian Railway) में जल्द ही उस्ताद शामिल होने वाला है। जिसका काम होगा ट्रेन के कोच या इंजन के अंदर की खामियों को दूर करना। मतलब जहां कोच और इंजन के अंदर कर्मचारी नहीं पहुंच सकते वहां उस्ताद पहुंच जाएगा। जिससे कर्मचारी वहां की गड़बड़ी को उस्ताद के जरिए बड़ी ही आसानी से खोज सकेंगे। बता दें कि पिंक बुक में अंडर गियर सर्विलांस थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्रायड यानी उस्‍ताद (USTAAD) को तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए 250 करोड़ का बजट उपलब्ध कराया गया है। उस्ताद नाम का ये आधुनिक सिस्टम अगले साल मार्च 2023 तक बनने की संभावना है। तैयार हो जाने के बाद उस्‍ताद सभी रेल मंडल को उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे ट्रेन हादसे रुकेंगे और रेलवे यात्रियों की यात्रा और ज्यादा सुरक्षित होगी।
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ट्रेन की खामियां दूर करने के लिए बनेगा उस्ताद

गौरतबल है कि 15 जनवरी को पूर्वोत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे में अलीपुरद्वार के पास बिकानेर गुवाहाटी एक्सप्रेस दुर्घटना की शिकार हो गई थी। जिससे कई यात्रियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। जब घटना होने की वजह का पता लगाया गया तो पता चला कि ट्रेन के इंजन को सहारा देने वाला लोहा कमजोर था। जिसके टूटने से हादसा हुआ था। दरअसल, ये वह स्थाना है, जहां तकनीकी कर्मचारी भी नहीं पहुंच सकता और न ही फॉल्ट को देखा जा सकता था। इसीलिए रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन की खामियां दूर करने के लिए आधुनिक तकनीक की सहायता लेने का फैसला किया।
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इंजीनियरिंग टीम ने उस्ताद का मॉडल किया तैयार

फिलहाल इस आधुनिक तकनीक के लिए इंजीनियरिंग टीम ने उस्ताद का मॉडल तैयार कर लिया है। उस्ताद को काफी छोटे आकार का बनाया जाएगा जिसमें शक्तिशाली कैमरे के साथ-साथ लोहे का एक्सरे लेने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह सिस्टम इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़ा होगा। वहीं उस्ताद को चलाने के लिए छोटे-छोटे पहिए लगाए गए हैं। जिससे आसानी से इंजन व कोच के नीचे या अंदर भेजा जा सकता है। जहां तकनीकी टीम जांच करने नहीं पहुंच सकती है, वहां भी इसे आसानी से पहुंचाया जा सकता है। आपको बता दें कि उस्ताद को कम्प्यूटर या रिमोट के जरिए कंट्रोल किया जा सकेगा।
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