scriptकिसानों ने बयां किया अपना दर्द, कहा- हमें तो नहीं लगता कि हमें सरकार से कोई मदद मिलेगी | Uttar pardesh Farmers bad condition in Modi and Yogi Government | Patrika News

किसानों ने बयां किया अपना दर्द, कहा- हमें तो नहीं लगता कि हमें सरकार से कोई मदद मिलेगी

locationमुरादाबादPublished: Sep 28, 2017 10:14:46 am

Submitted by:

pallavi kumari

किसानों का कहना है कि अधिकारी गांव में आकर सरकार को बना कर देते हैं झूठी रिपोर्ट, कोई तो हमारी बात सीएम योगी तक पहुंचा दो

Up Farmers

Up Farmers

रामपुर. जिला अधिकारी शिव सहाय ने बिन मौसम हुई बारिश की वजह से किसानों की बर्बाद हुई धान की फसल का नुकसान आंकलन करने का निर्देश दिया था। जिला अधिकारी शिव सहाय ने एक बैठक कर सभी एसडीएम ओर तहसीलदारों के अलावा जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिए थे कि वह किसानों के बीच खेतों में जाएं और किसानों की बर्बाद हुई फसलों का आंकलन कर रिपोर्ट तैयार करें। ताकि किसानों की बर्बाद हुई फसल का भरपाई की जा सके।

जिला अधिकारी शिव सहाय का कहना है कि किसानों की जितनी भी फसल बर्बाद हुई है उसको शासन से अवगत कराना है। इसके अलावा बीमा कंपनी को भी निर्देशित किया जाएगा कि किसानों का बीमा और खाद्द बीमा से किसानों को राहत दी जाए। लेकिन हैरानी वाली बात तो यह है कि जिला अधिकारी के इन आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। अभी तक कोई भी अधिाकारी किसानों से मिलने और उनके हालात का जायजा लेने नहीं गए हैं। जबकि जिला अधिकारी स्वयं किसानों के खतों का जायजा लेने गए थे। यहां सवाल ये उठता है कि जब जिले के कलेक्टर किसानों के बीच जा सकते हैं तो फिर यह बाकी की अफसर किसानों के बीच खेतों तक निर्देश मिलने के बाद भी क्यों नहीं गए।
वहीं गांव के किसानों का कहना है कि अफसर अगर गांव में कभी-कभार आते भी हैं तो वह गांव के प्रधान के यहां बैठकर वहीं से रिपोर्ट बनाकर भेज देते हैं। किसानों का कहना है कि इस तरीके के रिपोर्ट से हमें कभी कोई फायदा नहीं होने वाला है। किसानों का भला तभी होगा जब अफसर आकर खुद हमारे साथ सीधा संपर्क करेंगे। और खेतों का जायजा लेकर सही रिपोर्ट बनाएंगे। यहां पर तो प्रधान अपने रिश्तेदारों की फसल का नुकसान आंकलन अपने हिसाब से दर्ज करवा देते हैं। जिससे गरीब किसान का नुकसान सरकार और सरकार के अफसरों तक जाएगा ही नहीं।
पत्रिका के रिपोर्टर ने जब खेतों पर काम कर रहे कई किसानों से मौखिक बातचीत की तो कई किसानों से कैमरे में उन्होंने बताया कि हमे तो पहले गेहूं की बर्बाद फसल का भी मुआवजा नहीं मिला और ना ही हमारा कर्ज माफ हुआ और अब ना ही बर्बाद हुई धान की फसल का आंकलन करने के लिए कोई अफसर यहां आया है। हमें तो नहीं लगता कि हमें सरकार से कोई मदद मिलेगी।
जिले की पांचों विधान सभाओं में धान की उन्नत फसल सरवती धान पूरी तरह बर्बाद हुआ है। इस बात को खुद ज़िला अधिकारी और ज़िला कृषि अधिकारी मानते है लेकिन अफसर ठीक आए अभी किसानों की बर्बाद हुई धान की फसल का आंकलन नहीं करवा रहे हैं। जिससे लगता है कि सरकार और जिला अधिकारी की मंशा पर यह अफसर खरा नहीं उतरेंगे तो यकीन मानिए की किसानों तक सरकार जो किसानो मदद के रूप में मुआवजा देगी वह उनके तक नहीं पहुंचेगा, क्योंकि जांच रिपोर्ट से ही किसानों को उनकी खराब फसल का मुआवजा मिलेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो