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मिसाल: जब सरकार की अनदेखी तो ग्रामीणों ने खुद की मेहनत और चंदे से तैयार कर दिया पुल

locationमुरादाबादPublished: Nov 16, 2019 07:06:29 pm

Submitted by:

jai prakash

Highlights

ग्रामीणों ने नेताओं और अधिकारीयों से कई बार की थी मांग
काम न होते देख लिया फैसला
पैसा इकट्ठा करने के बाद बना डाला पुल

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मुरादाबाद: दशरथ मांझी को कौन नहीं जानता महज अकेले दम पर उन्होंने पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बना दिया था। ऐसे उदाहरण बिरले ही मिलते हैं। लेकिन जनपद के छजलैट ब्लाक के गांव मोढ़ा तैया में ग्रामीणों ने जो कुछ किया है वो भी कुछ कम नहीं है। अमरोहा की सीमा से सटे इस गांव में बरसात में नदी हर बार कच्चा पुल काट देती है। जिस कारण ग्रामीणों को वैकल्पिक मार्ग से आना पड़ता था। कई बार नेताओं और अधिकारीयों के चक्कर लगाने के बाद भी जब पुल नहीं बना तो ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर खुद की मेहनत से पुल तैयार कर दिया।

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इकट्ठा किया चंदा

ग्रामीणों की पहल पर डेढ़ लाख का चंदा जमा हुआ। इससे पुल निर्माण के लिए पाइप और सीमेंट की खरीदारी की गई। पन्द्रह दिन खुद मेहनत कर ग्रामीणों ने पुल तैयार किया और अब इस पुल पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है। पुल बनने से मुरादाबाद और अमरोहा जनपद के बीच जहां दूरी कम हुई है। वहीं ग्रामीणों को भी कई किलोमीटर का चक्कर लगाने से राहत मिली है।

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सालों से कर रहे मांग

सालों से गागन नदी पर पुल निर्माण की मांग कर रहें ग्रामीणों को जब पुल के बजाय सिर्फ आश्वासन मिला तो उन्होंने खुद पुल निर्माण का जिम्मा उठाया। गांव के लोगों ने चंदा जमाकर पुल बनाने का काम शुरू किया और पन्द्रह दिन की मेहनत के बाद डेढ़ लाख रुपये में वैकल्पिक पुल तैयार कर लिया। इस पुल के बनने से जहां ग्रामीण बिना परेशानी के आवाजाही कर रहें हैं। वहीं किसान टैक्टर ट्रालियों की मदद से अपनी फसल खेतों से ले और जा रहें है। ग्रामीणों के मुताबिक बरसात के समय यह पुल नदी के तेज बहाव के चलते हटाना पड़ेगा। इसके बाद फिर परेशानियां शुरू होंगी। स्थानीय लोग अब भी प्रशासन से स्थायी पुल निर्माण करने की मांग कर रहें है।

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