scriptआंधी से चंबल में 200 मीटर बहा पांटून पुल | 200 meter bay pattune bridge in the chambal from the storm | Patrika News

आंधी से चंबल में 200 मीटर बहा पांटून पुल

locationमोरेनाPublished: Apr 15, 2018 05:19:52 pm

Submitted by:

Mahendra Rajore

बुधवार को रात आठ बजे के बाद मप्र का उत्तरप्रदेश से संपर्क कटाउसैदघाट का पांटून पुल खिसका, चार लोगों को बचाया

Morena News, Morena Hindi News, Mp News, Morena, Bridge, Chambal River, Accident

पुल बहने से मप्र की सीमा में फंसे यात्री।

मुरैना. मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को जोडऩे वाले चंबल नदी के उसैदघाट पर निर्मित पांटून पुल बुधवार की रात आंधी और पानी में बह गया। उसैद-पिनाहट घाट पर हर साल निर्मित होने वाला पीपों का यह पुल अपने मूल स्थान से करीब 200 मीटर बहकर एक पुराने मंदिर के अवशेष से टकराकर ठहर गया। पुल पर निकल रहे चार लोग भी नदी में गिरे, हालांकि वे सुरक्षित निकाल लिए गए।
बुधवार को रात नौ बजे से दोनों राज्यों के बीच संपर्क पूरी तरह टूट गया है। पुल टूटने से दोनों राज्यों की सीमा में सैकड़ों लोग फंस गए हैं। कुछ लोगों को तो पुल बहने की जानकारी चंबल घाट पर पहुंचने के बाद ही मिली, जबकि बहुत से लोगों को सुबह होने तक पता लग जाने से वे घरों से नहीं निकले या आगरा से धौलपुर होकर या बाह से उदीमोड़ होकर पोरसा, अंंबाह व दिमनी क्षेत्र में पहुंचे। पुल बहने की खबर मिलने पर सुबह उत्तरप्रदेश में आगरा जिले की बाह तहसील से एसडीएम व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पिनाहट घाट पर पहुंचे और पुल के बहने के कारणों व उससे उत्पन्न परिस्थितियों का जायजा लिया। प्रारंभिक तौर पर अधिकारियों ने जायजा लेने के बाद दावा किया है कि शुक्रवार की दोपहर बाद तक पांटून पुल को खींचकर वापस अपने स्थान पर लाया जाएगा। इसके बाद उसे दुरुस्त कर आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन नदी में पानी ज्यादा होने से पीपों को एक साथ खींचने में व्यावहारिक परेशानी आ सकती है। एक लगुन-फलदान समारोह में उत्तरप्रदेश में जरार के पास किसी गांव में जा रहे मकरंद का कहना था कि वैसे दिमनी के पास से शॉर्टकट उसैदघाट होकर तुरंत पहुंच जाते, लेकिन पुल बह जाने से आगरा होकर जाना पड़ रहा है। इससे न केवल आने-जाने में समय अधिक लगेगा, बल्कि खर्च भी अधिक होगा।
सात माह आवागमन होता है पांटून पुल से
अंबाह, पोरसा और दिमनी क्षेत्र के लोगों की बड़ी संख्या में रिश्तेदारियां उत्तरप्रदेश में आगरा जिले के विभिन्न गांवों और शहरों में हैं। आवागमन के लिए मप्र के उसैद और उत्तरप्रदेश के पिनाहट घाट से जुडऩे वाले इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों लोग यात्रा करते हैं। 15 अक्टूबर से 15 जून तक यह पुल दो पहिया, हल्के चार पहिया वाहन व पैदल यात्रियों के लिए खुला रहता है। 15 जून को पीपों के पुल को हटा लिया जाता है, इसके बाद यहां नाव व स्टीमर का ठेका उत्तरप्रदेश सरकार करती है। जून से अक्टूबर के मध्य तक स्टीमर व नाव से लोग आवागमन करते हैं।
पक्का पुल न होने से बनी रहती है हादसे की आशंका
उसैदघाट पर पक्का पुल नहीं होने से लोग जोखिम उठाकर यात्रा करते हैं। नाव और स्टीमर में क्षमता से दो गुना तक यात्री व वाहन लादने से कई बार नाव डूबने की स्थिति बन जाती है। खतरे को देखते हुए यहां पक्का पुल निर्मित कराए जाने की कवायद 30 साल से चल रही है। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी उत्तरप्रदेश के पिनाहट घाट पर इसका शिलान्यास भी कर चुके थे। उसके बाद मप्र सरकार ने प्रयास किए और एक बार फिर शिलान्यास मप्र की सीमा में कराया जा चुका है। निर्माण कार्य के लिए ठेका भी हो चुका है। मौके पर ठेकेदार कंपनी साइट तैयार कर रही है।
८४ करोड़ से बन रहा है पक्का पुल उसैदघाट पर
मप्र सरकार ने चंबल नदी के उसैदघाट पर पक्के पुल निर्माण की कवायद तेज कर दी है। ८४ करोड़ का बजट मंजूर करने के साथ ही उसका ठेका भी दिया जा चुका है। मौके पर निर्माण एजेंसी ने काम भी शुरू कर दिया है। पुल के निर्माण में दो साल का समय लग सकता है। इस दौरान लोगों को पांटून पुल और नाव व स्टीमर पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। मुरैना जिले के दिमनी, सिहोनिया, अंबाह, पोरसा, रजौधा, भिण्ड के गोरमी, मेहगांव, गोहद क्षेत्र के हजारों लोग उसैदघाट से उत्तरप्रदेश में कारोबार व पारिवारिक कारणों से आवागमन करते हैं।
कथन
आंधी व बारिश के दौरान पिनाहट घाट का पीपों का पुल बहने की खबर मिलने पर मौके पर जाकर देखा है। लोक निर्माण विभाग इसका रख-रखाव करता है, उसके अधिकारियों को साथ लाकर दिखाया है। पुल को मूल स्थान पर लाकर दोबारा चालू कराने की कवायद की जा रही है। शुक्रवार दोपहर बाद तक यातायात बहाल कराने की कोशिश की जा रही है।
अरुण यादव, एसडीएम बाह उप्र
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो