scriptसीवर के पहले चरण की कछुआ चाल में उलझा 176 करोड़ रुपए का दूसरा चरण | 2nd phase of sewer of Rs 176 crore entangled in turtle trick | Patrika News

सीवर के पहले चरण की कछुआ चाल में उलझा 176 करोड़ रुपए का दूसरा चरण

locationमोरेनाPublished: May 26, 2022 08:28:56 pm

Submitted by:

Ravindra Kushwah

सीवर परियोजना के प्रथम चरण की कछुआ चाल ने दूसरे चरण का काम भी लटका दिया है। 24 माह का सीवर प्रोजेक्ट का पहला चरण छह साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। इस लिहाज से पूरे शहर को सीवर परियोजना के लाभ के लिए अगले पांच साल तक और इंतजार करना पड़ सकता है।

सीवर का दूसरा चरण-मुरैना

गणेशपुरा में लोगों ने मलबा डालकर बंद किए गड्ढे।

रवींद्र सिंह कुशवाह, मुरैना. 90 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो जाने के दावे के बाद प्रथम चरण में तीन साल और लग गए हैं, तब सीवर प्रोजेक्ट के भविष्य को लेकर सवाल उठना स्वाभाविक हैं।
नगरपालिका के समय से प्रस्तावित सीवर परियोजना को जब निगम बनने के बाद स्वीकृति मिली और अगस्त 2016 में 128 करोड़ का अनुबंध हुआ तो लोगों को जल्द यह सुविधा मिलने की उम्मीद जागी थी। काम जब शुरू हुआ तो गति और गुणवत्ता दोनो ठीक थे, लेकिन बाद में राजनीतिक दखल बढ़ा और परियोजना में विलंब के साथ लागत भी बढ़कर 140 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इसमें भी व्यापक पैमाने पर धांधली के मामले सामने आ चुके हैं। एक साल पहले ही पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में सभी को फंसता देख अधिकारी इसे दबा गए। अनुशासन की कार्रवाई अब तक नहीं हो पा रही है। भुगतान पर रोक के बावजूद निरंतर किया जा रहा है।
वर्तमान में शहर के महज 24 वार्डों में ही सीवर का काम कराया जा रहा है। 153 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाए जाने के बाद सीवर कनेक्शन देने का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इस दौरान पुराने कनेक्शन समस्या देने लगे हैं। पहले चरण यह दशा देखकर शहर के लोग दूसरे चरण के काम शुरू होने और उसकी भी दिशा और दशा को लेकर अभी से चिंतित हैं। दूसरे चरण का काम 176 करोड़ रुपए से कराए जाने प्रस्ताव करीब डेढ़ साल पहले बन गया था। नगर निगम के शेष २३ वार्डोंं में करीब १५० किमी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। लेकिन माना जा रहा है कि विलंब की वजह से दूसरे चरण काम शुरू होने तक प्रस्तावित लागत 200 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी। फिर यही सवाल है कि जब 24 माह के काम में छह साल लग गए तो दूसरे चरण काम कब तक पूरा हो जाएगा।
कांग्रेस का समर्पण शहर में चर्चा का विषय
सीवर परियोजना की कछुआ और घटिया चाल से पूरा शहर परेशान है। लेकिन नगर निगम से ही जुडऩे वाले तीनों विधायक कांग्रेस के होने के बावजूद इस पर खुलकर कभी आवाज नहीं उठाई। सत्ताधारी दल के नेता इस मुद्दे पर सरकार होने की बात कहकर बचने का प्रयास करते हैं। लेकिन नगरवासी तीन साल पहले से खुदी पड़ी सड़कों का दंश झेल रहे हैं। महिला मंडल भी कई बार इस पर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन नगर निगम के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
फैक्ट
128 करोड़ से 140 करोड़ तक पहुंची पहले चरण की लागत।
153 किमी पाइप लाइन बिछाई जानी है पहले चरण में।
24 माह में काम पूरा होना था पहले चरण का शहर में।
26500 सीवर कनेक्शन होने हैं, 23 हजार के करीब ही हो पाए हैं।
176 करोड़ का है सीवर के दूसरे चरण का में काम का प्रस्ताव।
200 करोड़ तक पहुंच सकता है काम शुरू होने में विलंब से।
कथन-
अच्छी दर पर सीवर का काम स्वीकृत होने के बावजूद दो साल काम छह साल में पूरा नहीं हो पाया है। इस संबंध में हम जानकारियां मांगते हैं तो दी नहीं जातीं। दूसरा चरण भी शुरू नहीं हो पा रहा है, कोई देखने-सुनने वाला नहीं है।
गौरव चतुर्वेदी, महामंत्री, जिला कांग्रेस कमेटी, मुरैना
काम तो लगभग पूरा है, अब हमारी टीम माइक्रोलेबल पर चेक कर रही है। जब हम संतुष्ट हो जाएंगे तभी पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करेंगे। काम में विलंब का कारण मोहल्लों में लोगों का विरोध भी रहा।
नवनीत शर्मा, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम, मुरैना।
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