scriptसितंबर 2018 से बनेगा 300 किमी का चंबल एक्सप्रेस-वे | 300 km of Chambal Expressway will be built from September 2018 | Patrika News
मोरेना

सितंबर 2018 से बनेगा 300 किमी का चंबल एक्सप्रेस-वे

80 फीसदी बीहड़ी जमीन का होगा उपयोग, दो दर्जन गांवों को मिलेगा लाभ

मोरेनाSep 16, 2017 / 02:01 pm

महेंद्र राजोरे

Chambal Expressway, Two dozen villages will get benefit, Morena, will be built from September 2018

प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे का मैप।

मुरैना. श्योपुर के हीरापुर से भिण्ड जिले के बढ़पुरा होकर हाईवे से जुडऩे वाले चंबल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य सितंबर 2018 में शुरू हो जाएगा। प्रस्तावित क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए मिट्टी की साध्यता जांच सकारात्मक आई है। इसी आधार पर भारत सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। फरवरी 2018 के अंत तक डीपीआर को स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी।

चंबल एक्सप्रेस-वे निर्माण की तैयारियों पर गुरुवार को चंबल भवन में आयोजित बैठक में संभागायुक्त शिवानंद दुबे ने कहा कि सर्वे कार्य में कोताही न बरती जाए। 300 किमी का एक्सप्रेस-वे चंबल नदी के समानांतर सेंचुरी के सुरक्षित क्षेत्र के बाहर से निर्माण के लिए प्रस्तावित है। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर व्यावसायिक गतिविधियों के साथ ही सर्वांगीण विकास हो सकेगा। बैठक में एमपीआरडीसी के अधिकारी अमित चंसारिया, मनोज पुरानिक, अपर कलेक्टर भिण्ड टीएन सिंह, श्रीराम मिश्र, बीसी टेंटवाल, एससी सान्याल, आदित्य पालीवाल, एसएलआर काजल दीक्षित मुरैना, एनआर सखवार श्योपुर एवं राहुल शर्मा भिण्ड सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

श्योपुर में हीरापुर से भिण्ड में बढ़पुरा तक जाएगा


300 किमी का चंबल एक्सप्रेस-वे श्योपुर जिले में राज्य राजमार्ग क्रमांक छह के हीरापुर से प्रारंभ होकर मुरैना जिले के कई गांवों के नजदीक से निकलकर भिण्ड जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 92 पर बढ़पुरा के पास जुड़ेगा। हीरापुर से वीरपुर के बाद मुरैना जिले में झुंडपुरा, ब्रिजगढ़ी, छिनवरा, मथुरापुरा, खांडोली से एनएच-3 को पार करते हुए गड़ौरा, झकौना, ऐसाह, डंडौली, बरवाई, रछेड़, रायपुर, कुरैठा, नगरा-पोरसा तक जाएगा। यहां से भिण्ड जिले की सीमा में कनैरा, अटेर, खिपौना, खेरी, सुरपुरा, बिजौरा, रमा व बढ़पुरा होकर भिण्ड-इटावा मार्ग (एनएच-९२) से जुड़ेगा।

100 मीटर चौड़ाई में चाहिए भूमि


चंबल एक्सप्रेस-वे के लिए 100 मीटर चौड़ाई में भूमि की आवश्यकता होगी। इसके दोनों ओर व्यावसायिक गतिविधियां विकसित करने का प्रस्ताव है। इनमें लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक केंद्र, कृषि उत्पाद केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण केंद्र, शिक्षा केद्र, स्वास्थ्य केंद्र, स्मार्ट सिटी, रिसॉर्ट व मनोरंजन केंद्र और संचार उपयोगिता के लिए लीज रहेंगी।
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