-कथन-
बाजार में तो चारों ओर अंधेरा रहता ही है, कभी वीआईपी रोड से निकलना पड़े तो अधिकांश हिस्से में अंधेरा रहता है। हर साल नगर निगम लाखों रुपए स्ट्रीट लाइट के नाम पर खर्च करता है, लेकिन उजाला फिर भी समुचित नहीं हो पा रहा है।
मुकेश शर्मा, रहवासी, मुरैना
आना-जाना तो वीआईपी रोड से भी होता रहता है, नजर नहीं पड़ पाई होगी। हम दिखवा लेते हैं, कहां स्ट्रीट लाइट बंद हैं और कहां चालू हैं। जो बंद होंगी उनको चालू कराया जाएगा और नई लगवानी पड़ेगी तो व्यवस्था की जाएगी।
संजीव कुमार जैन, आयुक्त, नगर निगम, मुरैना।
बाजार में तो चारों ओर अंधेरा रहता ही है, कभी वीआईपी रोड से निकलना पड़े तो अधिकांश हिस्से में अंधेरा रहता है। हर साल नगर निगम लाखों रुपए स्ट्रीट लाइट के नाम पर खर्च करता है, लेकिन उजाला फिर भी समुचित नहीं हो पा रहा है।
मुकेश शर्मा, रहवासी, मुरैना
आना-जाना तो वीआईपी रोड से भी होता रहता है, नजर नहीं पड़ पाई होगी। हम दिखवा लेते हैं, कहां स्ट्रीट लाइट बंद हैं और कहां चालू हैं। जो बंद होंगी उनको चालू कराया जाएगा और नई लगवानी पड़ेगी तो व्यवस्था की जाएगी।
संजीव कुमार जैन, आयुक्त, नगर निगम, मुरैना।