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एक दमकल भोपाल और क्यूआरवी कबाड़े में, कैसे होगा आग पर नियंत्रण

locationमोरेनाPublished: Mar 21, 2021 04:59:52 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

– गर्मी का सीजन आया, फायर बिग्रेड को लेकर नगर निगम गंभीर नहीं

एक दमकल  भोपाल और क्यूआरवी कबाड़े में, कैसे होगा आग पर नियंत्रण

एक दमकल भोपाल और क्यूआरवी कबाड़े में, कैसे होगा आग पर नियंत्रण


मुरैना. जिला मुख्यालय पर स्थित फायर स्टेशन व फायर बिगे्रड की स्थिति ठीक नहीं हैं। यहां चार फायर बिगे्रड बड़ी और एक छोटी थीं लेकिन एक फायर बिग्रेड गाड़ी पिछले करीब डेढ़ साल से भोपाल पड़ी है। खबर है कि उसमें काम तो हो गया ेलेकिन नगर निगम पैसों का रोना रो रहा है। कंपनी को भुगतान न होने पर दमकल भोपाल ही पड़ी है। वहीं एक साल पूर्व एक क्विक रिस्पोंस व्हीकल (क्यूआरवी) छोटी फायर बिग्रेड मुरैना नगर निगम में आई थी लेकिन उसका परिवहन विभाग से पंजीयन न होने पर उसको कबाड़ में खड़ा कर दिया है। तीन गाड़ी मौजूद हैं, उनमें से पूरी तरह दुरस्त एक गेल इंडिया द्वारा दी गई फायर बिगे्रड है, अन्य दो भी पुरानी गाड़ी हैं, उनकी स्थिति ज्यादा दौडऩे की नहीं हैं। नगर निगम की अनदेखी के चलते फायर स्टेशन अव्यस्थाओं से घिरा हुआ है।
जानकारी के अनुसार क्यूआरवी छोटी फायर बिग्रेड नगर निगम को २४ जनवरी २०२० को मिली थी चंूकि उसका इंजन बीएस फोर था इसलिए वह आरटीओ से पास नहीं हो सकी। इस गाड़ी का प्रयोग शहर की उन गलियों में किया जाता था, जहां बड़ी गाड़ी नहीं पहुंच पाती थीं। अक्सर सकरी गली में आग लगने पर फायर बिग्रेड नहीं पहुंच पाती थी, इस गाड़ी के आने से बड़ी राहत मिली थी लेकिन पंजीयन न होने पर उसको कबाड़ हो रही गाडिय़ों के बीच में खड़ा कर दिया है। शहर की जनसंख्या के हिसाब से फायर बिग्रेड उपलब्धता पर्याप्त नहीं हैं और जो उपलब्ध हैं, वह भी एक के अलावा अन्य की हालत बेहतर नहीं हैं सिर्फ काम चलाया जा रहा है। नगर निगम की अनदेखी के चलते फायर स्टेशन की हालत चिंताजनक हैं।
कार्यालय निर्माण पर करोड़ों खर्च, फायर स्टेशन में पत्थरों पर रखे हैं तखत
नगर निगम के कार्यालय के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। वहीं इसके मेंटीनेंस पर समय समय पर तमाम पैसा खर्च किया जाता रहता है परंतु फायर स्टेशन की स्थिति यह हैं कि यहां स्टाफ के लिए जो तखत पड़ा है, वह पत्थरों के सहारे रखा है। यहां तक कार्यालय की जमीन पर फर्स तक नहीं हो रहा है। फर्स की जगह गहरे गहरे गड्ढे हो रहे हैं। कूलर रखा है, उसकी हालत भी चिंताजनक हैं। बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर तक नहीं है। ऐसा नहीं हैं कि नगर निगम पर बजट नहीं हैं, बजट तो हैं परंतु अधिकारियों की मानसिकता काम कराने की नहीं हैं। इसलिए फायर स्टेशन का कार्यालय किसी कबाडख़ाने से कम नहीं लगता।
२४ की जगह सिर्फ १५ ही फायरमेंन
फायर स्टेशन पर वर्तमान गाडिय़ों की उपलब्धता के हिसाब से भी देखा जाए तो स्टाफ की काफी कमी हैं। यहां तीन गाडिय़ों के हिसाब से देखा जाए तो एक गाड़ी पर छह फायरमेंन के लिहाज से २४ फायरमेंन होना चाहिए लेकिन वर्तमान में सिर्फ १५ फायरमेंन ही हैं। वहीं १२ चालक की जगह सिर्फ ९ चालक पदस्थ हैं। अगर भोपाल पड़ी गाड़ी के आने और क्यूआरवी के वापस हुई तो स्टाफ और भी काफी कम पड़ेगा।
क्यूआरवी के आने के बाद ही लिखा गया था पत्र
क्यूआरवी छोटी फायर बिग्रेड साढ़े छह लाख की २४ मार्च २०२० को आई थी। नगर निगम ने दो महीने बाद ही कंपनी को पत्र लिखा कि गाड़ी का इंजन बीएस फोर है, यह ३१ मार्च तक ही परिवहन विभाग से पास हो सकता है लिहाजा इस गाड़ी के सेललेटर सहित अन्य कागज समय पर भिजवा दें लेकिन कंपनी ने ध्यान नहीं दिया इसलिए गाड़ी को खड़ा कर दिया है। कंपनी को अभी तक नगर निगम से आठ पत्र लिखे जा चुके हैं, उसमें लिखा गया है कि बीएस सिक्स इंजन वाली गाड़ी भेजी जाए और इस बीस फोर इंजन गाड़ी को वापस ले जाया जाए।
कथन
– क्यूआरवी का इंजन बीएस फोर है, उसको वापसी के लिए कंपनी को पत्र लिखा गया है। वहीं फायर स्टेशन वाटरवक्र्स कॉलोनी में नए स्थान पर बनवाया जा रहा है। तब तक पुराने की मरम्मत के लिए टेंडर हो गया है। उसकी मरम्मत करवा दी जाएगी।
अमरसत्य गुप्ता, आयुक्त, नगर निगम
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