१२ पंचायतों के बीच एक अस्पताल, उसमें भी पड़े ताले
- रामपुरकला अस्पताल में तीन चिकित्सक पदस्थ हैं लेकिन पहुंचते नहीं

मुरैना. १२ पंचायतों के बीच एक मात्र शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुरकलां में तीन चिकित्सक सहित एक दर्जन का स्टाफ पदस्थ है लेकिन चिकित्सक के न आने से अन्य स्टाफ भी नहीं पहुंचता अस्पताल से चिकित्सक अक्सर गायब रहते हैं। खासकर सुबह शाम कोई मरीज पहुंचा तो ताला ही लगा मिलता है। डिलीवरी के चलते सिर्फ एक दो नर्स पहुंचती हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को किस तरह मजाक बनाया जा रहा है, यह रामपुर स्वास्थ्य केन्द्र पर आसानी से देखने को मिल जाएगा। यहां डॉक्टर उपस्थित न रहने से इलाज की कोई व्यवस्था है। स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य गेट पर अक्सर ताला लगा रहता है।
रामपुर स्वास्थ्य केन्द्र से १२ पंचायतों के ७०००० की आवादी जुड़ी है। इस अस्पताल में रोजाना करीब एक सैकड़ा मरीज इलाज के लिए आते हैं लेकिन चिकित्सक के अभाव में मजबूरन सबलगढ़ या कैलारस अस्पताल पहुंचते हैं। विडंवना इस बात की है कि जिला स्तर पर बैठे अधिकारियों को मॉनीटरिंग के लिए समय ही नहीं हैं। अगर समय समय पर अंचल के अस्पतालों का निरीक्षण होता रहे तो अधीनस्थों में भय रहता है लेकिन ऐसा न होने से स्टाफ मनमानी कर रहा है। इसी तरह की शिकायत सुमावली अस्पताल की है। यह सब वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी के चलते हो रहा है।
घायलों को लेकर पहुंची एम्बूलेंस, अस्पताल में लगा था ताला.......
बुधवार की सुबह बाइक से ग्राम सिंगारदे जा रहे दो लोग डुगंरावली मोड मेन रोड गोबरा के पास मंगलवार की शाम दुर्घटना में घायल हो गए। इनको इलाज के लिए १०८ एम्बूलेंस का स्टाफ जितेन्द्र धाकड़, अविनाश शुक्ला रामपुर अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां ताला लगा मिला। तब घायलों को कैलारस अस्पताल ले जाया गया। चालक ने ट्रैक्टर को तेजी व लापरवाही से चलाकर बाइक में टक्कर मार दी जिससे बाइक सवार दो लोग घायल हुए उनमें से सूबेदार (35) पुत्र कोक सिंह आदिवासी निवासी सिंगारदे गंभीर रूप से घायल हो गया। इसको रामपुर से कैलारस हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां से डॉ. ध्रुव अग्रवाल ने प्राथमिक उपचार कर घायल को जिला अस्पताल मुरैना के लिए रेफर कर दिया,जहां उसका इलाज चल रहा है।
फैक्ट फाइल ..........
- ०३ चिकित्सक पदस्थ हैं अस्पताल में।
- १२ पंचायतों के बीच इकलौता है अस्पताल।
- ७०००० की आवादी जुड़ी है इस अस्पताल से।
- १०० मरीज आते हैं रोजाना अस्पताल में।
- 15 का स्टाफ स्वीकृत है अस्पताल में।
- ०९ कर्मचारियों का स्टाफ है वर्तमान में।
- ०६ कर्मचारियों के पद खाली है अस्पताल में।
कथन
- तीनों चिकित्सकों को बुलाकर कहा है कि इस तरह का रुटेशन बनाएं जिससे एक चिकित्सक हर समय अस्पताल में मौजूद रहे, खासकर रात में भी एक चिकित्सक अस्पताल में मौजूद रहे।
डॉ. राजेश शर्मा, बीएमओ, सबलगढ़
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