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औपचारिकता से आगे नहीं बढ़ सकी अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध कार्रवाई

locationमोरेनाPublished: Dec 16, 2021 11:03:02 am

Submitted by:

Ravindra Kushwah

अनुबंध के आधार पर और अवैध तरीके से प्लॉटिंग और कॉलोनियां विकसित करने का सिलसिला थमा नहीं है। जिले में 100 से ज्यादा स्थानों पर नियम-कायदों को ताक पर रखकर कॉलोनियों का विकास किया जा रहा है।

अवैध कॉलोनियां-मुरैना

अवैध कॉलोनियां-मुरैना

औपचारिकता से आगे नहीं बढ़ सकी अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध कार्रवाई
-जिले में 100 से ज्यादा कॉलानियों बनाई जा रहीं अवैध तरीके से, पूर्व में बसी कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया भी अधर में।
रवींद्र सिंह कुशवाह, मुरैना. हैरानी की बात यह है कि एक साल पहले जहां अवैध विकसित कॉलोनियों पर कार्रवाई का दावा किया गया था, वहां काम अभी रुका नहीं है। लेकिन अब प्रशासन की कार्रवाई थम गई है।
अवैध रूप से विकसित हो रही कॉलोनियों में लोग थोड़े सस्ते के लालच में प्लॉट खरीद लेते हैं और मकान बनाने के बाद बुनियादी समस्याओं के लिए नगरीय निकायों पर आश्रित हो जाते हैं। अवैध कॉलोनियों का सिलसिला नगर निगम गठित हो जाने के बाहर शहरी क्षेत्र में ज्यादा बढ़ा है। हालांकि अंबाह, पोरसा, जौरा, बानमोर, कैलारस और सबलगढ़ के अलावा झुंडपुरा क्षेत्र में भी कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं। लेकिर जब भी प्र्रशासन कार्रवाई करने का मन बनाता है, राजनीतिक हस्तक्षेप या लोभ-लालच प्रशासन के हाथ बांध देता है। पांच साल पहले जब बड़ी कार्रवाई शुरू की गई थी, तब भी राजनीतिक दखल के बाद कार्रवाई को टाल दिया गया था। अवैध रूप से कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ पिछले पांच साल में एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर भी दर्ज कराई गईं। वहीं संबंधित अनुविभगाीय अधिकारी, राजस्व कार्यालयों में भी प्रकरण दर्ज किए गए, लेकिन उसके बाद की कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई। धौलपुर रोड पर एक कॉलोनी में प्लॉट खरीदने वाले अजब सिंह का कहना था कि उन्होंने जब बात की तो वहां उपलब्ध लोगों ने अपने नाम से जमीन का सौदा किया, लेकिन बाद में रजिस्ट्री करने के लिए दूसरे लोग आगे आए। बताया जाता है कि अवैध कारोबार करने वाले खेत या जमीन मालिक से बात कर कुछ अग्रिम देकर अनुबंध कर लेते हैं। इससे दो बार पंजीयन का खर्च बच जाता है। बाद में सीधे जमीन या खेत मालिक से प्लॉट की रजिस्ट्री करवा देते हैं।
पांच साल पहले हो चुके हैं जिले भर में विवाद
करीब पांच साल पहले जिले में अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध जब अभियान शुरू किए गए तो कई जगह विवाद की नौबतें भी आईं। अंबाह रोड पर एक कॉलोनी पर कार्रवाई का मामला राजनीतिक तूल पकड़ा और एक डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी को बाद में यहां स्थानांतरण का सामना करना पड़ा। हालांकि उसे चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन इससे अवैध कॉलोनियां बनाने वालों के हौसले बुलंद हुए।
कहां-कहां विकिसत हो रही कॉलोनियां
मुरैना में जौरा रोड, ग्वालियर रोड से सटे इलाकों, अंबाह रोड, धौलपुर रोड के अलावा जगतपुर रोड पर भी कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं। जबकि अंबाह में पोरसा रोड, मुरैना रोड, उसैदघाट रोड, खजूरी रोड पर कॉलोनियां बन रही हैं। इसी प्रकार पोरसा में भिण्ड रोड, अटेर रोड, अंबाह रोड, जौटई रोड, किर्रायंच रोड पर कॉलोनियां बन रही हैं। जौरा में मुरैना रोड, कैलारस, रोड, पगारा रोड सहित अन्य स्थानों पर कॉलोनियां बन रही हैं। कैलारस में भी एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां बन रहीं और सबलगढ़ मे भी अवैध कॉलोनियां तेजी से विकसित हो रही हैं। बानमोर में शनीचरा रोड, सीतापुर रोड, रिंग रोड पर कॉलोनियां बन रही हैं।
सरकारी जमीनें भी घेर लीं लोगों ने
सबलगढ़ में अटारघाट रोड पर कॉलोनियों के विकास के साथ ही यहां सरकारी जमीन भी लोगों द्वारा घेरे जाने की खबरें आईं। शहर से लगे हुए कुछ अन्य सरकारी स्थानों पर भी लोगों ने कब्जा कर लिया है। जिले भर में कई जगह सरकारी जमीन पर लोगोंं की नजर है।
फैक्ट फाइल-
20 के करीब कॉलोनियां बन रही हैं अंबाह रोड पर।
10 कॉलोनियों का विकास किया जा रहा है पोरसा रोड पर।
12 से ज्यादा कॉलोनियां जौरा रोड पर बन रही हैं।
15 कॉलोनियां धौलपुर रोड पर भी विकसित की जा रही हैं।
10 से ज्यादा कॉलोनियां जौरा मे विकसित की जा रही हैं।
20 कॉलोनियां कैलारस और सबलगढ़ में भी विकसित हो रही हैं।
कथन-
अवैध कॉलोनियों पर तो कार्रवाई होती ही रहती है। अभी तो चुनाव प्रक्रिया चल रही है, इससे निपटने के बाद फिर दिखवाएंगे कहां क्या हो रहा है।
नरोत्तम भार्गव, अपर कलेक्टर, मुरैना।
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