गोद ली बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज
मुरैना शहर की सांवरिया बोहरे वाली गली में रहने वाले कृष्णकुमार उपाध्याय का गुरुवार को निधन हो गया। कृष्णकुमार लंबे समय से बीमार थे और बीते दिनों उन्हें लकवा भी मार गया था। लकवा लगने के बाद से कृष्णकुमार बिस्तर पर ही थे। कृष्णकुमार की कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने एक बेटी को गोद लिया था। बेटी कोमल को गोद लेने के बाद कृष्णकुमार ने उसे बड़े लाड प्यार से पाला। बेटी कोमल भी पिता से बेहद प्यार करती थी और अंतिम समय तक उनकी सेवा करती रही। गुरुवार को जब कृष्णकुमार का निधन हुआ तो जान पहचान वालों को इस बात की चिंता थी कि बेटा न होने के कारण अंतिम संस्कार कौन करेगा ? बेटी कोमल ने पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली और खुद पिता की शव यात्रा के साथ श्मशान घाट तक गई जहां पिता की चिता को बेटी कोमल ने मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया।
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लोग कर रहे बेटी कोमल की तारीफ
बेटी कोमल के द्वारा बेटे का फर्ज निभाते हुए पिता की चिता को मुखाग्नि देते हुए देख लोगों की आंखों से आंसू छलक आए। पड़ोसियों व रिश्तेदार भी कोमल की जमकर तारीफ कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोमल से कृष्णकुमार बेहद प्यार करते थे और बेटी कोमल भी पिता को खूब चाहती थी। लोगों का कहना है कि कोमल उन लोगों के लिए भी एक मिसाल बनी है जो कि बेटी को बेटों से कम आंकते हैं।
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