scriptपुलिस व माफिया की सांठगांठ से हो रहे वन टीम पर हमला | Attack on forest team due to nexus of police and mafia | Patrika News

पुलिस व माफिया की सांठगांठ से हो रहे वन टीम पर हमला

locationमोरेनाPublished: Jun 10, 2021 11:21:14 pm

छह बार कर चुके दुस्साहसअवैध खनन का मकडज़ालसूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंची देवगढ़ पुलिस और न लिखी एफआइआरसिटी कोतवाली पुलिस ने शून्य पर कायमी की, परंतु नहीं लगाई हत्या के प्रयास की धारा

पुलिस व माफिया की सांठगांठ से हो रहे वन टीम पर हमला

वन टीम की गाड़ी के आगे लाठी, डंडे लेकर खड़े माफिया के लोग।

मुरैना. वन विभाग की टीम पर पुलिस व रेत माफिया की साठगांठ के चलते हमले हो रहे हैं। बुधवार की रात को देवगढ़ थाने से एक किमी दूरी पर रेत माफिया वन टीम पर जानलेवा हमला कर रेत से भरे टै्रक्टर ट्रॉली छुड़ा ले गया। इस हमले में एसएएफ का जवान मुकेश सेन घायल हुआ है। हमले से पूर्व एसडीओ वन श्रद्धा पंद्रे ने देवगढ़ थाना प्रभारी को फोन किया था लेकिन उन्होंने स्वयं के न होने की बात कही और कहा कि अगर फोर्स उपलब्ध होगा तो पहुंच जाएगा। करीब 100 से 150 तक माफिया के लोगों ने लाठी, डंडे व पत्थरों से हमला किया और फायरिंग भी की और रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली को छुड़ाकर ले गए।
सड़क पर पत्थर रखकर रास्ता बंद किया

एसडीओ पंद्रे ने बताया कि हमारी टीम सबलगढ़ नहर पर गश्त पर थी तभी पठानपुरा गांव के पास चंबल नदी तरफ से रेत से भरा ट्रैक्टर-ट्रॉली आता दिखा। उसको घेरकर पकड़ लिया। उसको थाने ले जाने के लिए पहले पुलिस की मदद मांगी जब पुलिस नहीं आयी तो वन विभाग की टीम स्वयं उस ट्रैक्टर-ट्रॉली को देवगढ़ थाने ले जा रही थी। थाने से करीब एक किमी पहले ही माफिया के लोगों ने सड़क पर झांकर व पत्थर रखकर रास्ता बंद कर दिया। लाठी, डंडे लेकर वन टीम को घेरकर फायरिंग करने लगे। टैक्टर ट्रॉली को छुड़ा ले गए।

7 नामजद व 100 अज्ञात पर लूट व शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का केस

सिटी कोतवाली पुलिस ने देवरी घडिय़ाल केन्द्र की एसडीओ श्रद्धा पंद्रे की रिपोर्ट पर आरोपी धर्मेंद्र, सिकरवार, छोटू सिकरवार, भरत सिकरवार, धर्मा सिकरवार, रामधन सिकरवार, सरनाम सिकरवार, मरिया पंडित निवासी पठानपुरा थाना देवगढ़ व 100 अज्ञात के खिलाफ लूट, डकैती, शासकीय कार्य में बाधा व मारपीट और बलवा की धाराओं के तहत शून्य पर मामला दर्ज किया है। असली कायमी हेतु कोतवाली से प्रतिवेदन देवगढ़ थाने को भेजा गया है।

एसडीओ वन श्रद्धा पंद्रे से पत्रिका से सीधी बात

पत्रिका- हमले के समय पुलिस की मदद मिलती है क्या?
एसडीओ- पुलिस का सहयोग जिस तरह मिलना चाहिए, उस तरह नहीं मिल पा रहा है।
पत्रिका- पठानपुरा में माफिया के हमले से पूर्व पुलिस को सूचना की थी क्या?
एसडीओ- पठान पुरा में रेत से भरी टै्रक्टर ट्रॉली पकडऩे के बाद देवगढ़ थाना प्रभारी को फोन किया था उन्होंने स्वयं आने में असमर्थता जताई और फोर्स की यह कहकर टाल दिया कि उपलब्ध होगा तो पहुंच जाएगा।
पत्रिका- माफिया के हमले के बाद एफआइआर हो गई क्या?
एसडीओ- माफिया द्वारा वन टीम पर जानलेवा हमले के बाद देवगढ़ पुलिस ने एफआइआर नहीं लिखी तो हम सिविल लाइन पहुंचे, वहां भी मना कर दिया तब सिटी कोतवाली में शून्य पर मामला दर्ज किया गया है वहां भी धारा 307 नहीं लगाई गई।
पत्रिका- क्या रेत माफिया से मिली हुई है पुलिस?
एसडीओ- हमको तो ऐसा ही लगता है।
पत्रिका- अभी तक आप व वन टीम पर कितने हमले हो चुके हैं?
एसडीओ- रेत व पत्थर माफिया अभी हमारे ऊपर आधा दर्जन हमले कर चुका है।

केस- 01
24 मई 2021 की रात को वन नाके पर एसडीओ की मौजूदगी में चंबल रेत से भरा ट्रक पकड़ा और उसको डिपो के अंदर रखने ले जा रहे थे तभी माफिया के लोगों ने हाइवे से फायरिंग की। जवाब में वन विभाग ने भी फायरिंग की तब माफिया वहां से भाग गया और ट्रक को जब्त कर डिपो के अंदर रख दिया गया।
केस-02

02 जून 2021 को गश्त के दौरान एसडीओ व वन टीम ने आमपुरा रोड पर पत्थर से भरे टै्रक्टर-ट्रॉली को पकड़ लिया। उसको छुड़ाने के लिए माफिया के लोगों ने वन टीम पर फायरिंग की। जवाब में वन विभाग के स्टाफ ने भी फायरिंग की और माफिया भाग गया। टै्रक्टर-ट्रॉली को जब्त कर लिया गया।

केस-03

06 सितंबर 2018 में हाइवे स्थित वन विभाग के नाके पर तैनात डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाह की अल सुबह रेत माफिया ने जान ले ली। डिप्टी रेंजर वन नाके पर ड्यूटी कर रहे थे तभी रेत से भरे टै्रक्टर-ट्रॉली ने उनको कुचल दिया और करीब बीस फुट तक उनको घसीटते गए।
पूर्व प्रभारी मंत्री भी लगा चुके आरोप


रेत माफिया से सांठगांठ का आरोप मुरैना जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री लाखन सिंह भी लगा चुके हैं। जून 2019 में पुराने कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री की हैसियत से शामिल हुए पूर्व मंत्री लाखन सिंह ने भरी बैठक में पुलिस पर रेत माफिया से सांठगांठ का आरोप लगाया था। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि रेत माफिया से पुलिस में लगी हुई है और थानों की महीने दारी बंधी हुई है। इसके बावजूद रेत माफिया के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई थी जबकि प्रदेश में उस समय कांग्रेश की ही सरकार थी।

देवगढ़ में न फोर्स लेने गई थी और न एफआइआर कराने गई। जब फंस गई हैं तब फोन किया है। कमिश्नर ने बैठक ली थी उसमें तय किया था सभी विभाग संयुक्त रूप से मिलकर कार्रवाई करेंगे। एसडीओ ने कोई संयुक्त दल नहीं बनाया और अकेले ही कार्रवाई कर रही हैं। अगर किसी थाना क्षेत्र में उनको पुलिस पर अविश्वास है तो सीनियर अधिकारी से बात करें।
राय सिंह नरवरिया, एडीशनल एसपी
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