इसके बाद भी मुरैना शहर में तो स्थिति शांति पूर्ण रही लेकिन क्षेत्र के दिमनी में एसी एसटी एक्ट के खिलाफ लोगों ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर जलाकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान युवाओं की पुलिस से जमकर बहस भी हुई। हालांकि स्थिति काबू के बाहर होती उससे पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और लोगों को समझाइश दी गई। जिसके बाद लोग माने। वहीं मुरैना शहर में भी बाजार पूर्ण रूप से बंद रहा। शहर की अधिकतर सडक़ें खाली रही।
धारा 144 का पूरी तरह पालन किया जाए कोई हथियार का प्रदर्शन नहीं करेगा, धरना, प्रदर्शन व रैली बिना परमीशन के नहीं कर सकेगा। लोकतांत्रित व्यवस्थाएं बनाएं रहें। लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं बनाएं रखें, ऐसे हालात नहीं बनने दें जिससे हमें कार्रवाई करनी पड़े। पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने कहा कि आप लोग अपनी आवाज उठाएं, उसमें कोई दिक्कत नहीं हैं लेकिन कोई ऐसे काम न करें जिससे कानून व्यवस्थाएं बिगड़े। मोबाइल पेट्रोलिंग वाहन चचते रहेंगे। अगर कोई फोर्सली बाजार बंद कराता तो सख्ती से निपटा जाएगा।
शहर में पैदल मार्च करती पुलिस मुरैना. बाजार बंद को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। बंद की सुरक्षा व्यवस्था को लेेकर एडीशनल एस पी अनुराग सुजानियां के नेतृत्व में शहर में फ्लैग मार्च निकाला और लोगों से शांति की अपील की साथ ही रास्ते में मिले संदिग्ध लोगों को हडक़ाया गया।
ब्राह्मण अंतर्राष्ट्रीय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष देवदत्त मिश्रा ने कहा कि धारा १४४ को बुधवार शाम तक हटाया जाए जिससे हम व्यापारियों से सहयोग की अपील कर सकें। यह हम मानते हैं कि आपके पास फोर्स की ताकत है लेकिन बाजार बंद के दौरान किसी द्वेष भावना से बल प्रयोग हुआ तो हमारे पास भी समाज की ताकत है। ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष दिनेश डंडोतिया ने कहा कि व्यापारिक संगठन व दुकानदारों से हमारी बात हो गई है सभी बाजार बंद रखेंगे। लेकिन जबरन बाजार खुलवाया नहीं जाए।
साथ ही बाजार बंद के दौरान दूसरे लोग उपद्रव कर सकते हैं ऐसे में हमारे निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई न हो। एडवोकेट दिनेश सिकरवार सपाक्स समाज ने कहा कि सामान्य व पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय हुआ है। उस अन्याय के खिलाफ बाजार बंद किया जा रहा है उसका हम नैतिक समर्थन करते हैं। पूर्व में देखा गया था कि पुलिस जबरन दुकानों को खुलवाती है। ऐसा न किया जाए। शत्रुघ्न सिकरवार भूतपूर्व सैनिक ने कहा कि प्रशासन को धारा 144 नहीं लगाना चाहिए थी। सरकार ने पहले एट्रोसिटी एक्ट से, अब 144 धारा लगाकर और कल फोर्स से दबाया जाएगा। लेकिन यह तो बताएं कि हम अपनी आवाज कैसे उठाएं।