अपने करीब 45 मिनट के भाषण में मायावती ने कहा कि बाद में भी मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने में कांग्रेस आनाकानी करती रही। जब हमने वीपी सिंह के साथ सत्ता में आने पर हमने मंडल कमीशन लागू कराया और बाबा साहेब को भारत रत्न दिलाया, लेकिन भाजपा को यह हजम नहीं हुआ और सरकार से समर्थन वापस ले लिया। किसी दल के नेताओं पर व्यक्तिगत हमलों से बचतीं रहीं मायावती ने कहा कि बाबा साहेब को भारत रत्न भी कांग्रेस ने नहीं दिया। हमारे सहयोग से बनी वीपी सिंह की सरकार ने मंडल कमीशन लागू किया और डॉ अंबेडकर को भारत रत्न दिया।
कांग्रेस ने बसपा के संस्थापक कांशीराम को भी कभी सम्मान नहीं दिया। जब उनका देहांत हुआ तो हमें एक दिन के राष्ट्रीय शोक की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कांग्रेस सरकार ने नहीं किया। मप्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर दलितों पर प्रकरण दर्ज कर जेल में डाल रही है। हमारे कैडरबेस को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। लोकसभा चुनाव में हमारे कुछ उम्मीदवारों को डरा-धमकाकर नाम वापस कराए जा रहे हैं। कुछ के पर्चे खारिज कराए जा रहे हैं।
गुना से हमारे प्रत्याशी को खरीदकर अपनी ओर मिला लिया है, फिर भी यहां पार्र्टी का चुनाव होगा। लेकिन कांगे्रस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने दलितों और पिछड़ों के शोषण के लिए भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से देश के छोटे व्यापारियों और आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दीं। देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं और रक्षा सौंदों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
सामंतवादी ताकतों से बचना होगा
मायावती ने अंत में कहा कि हम सत्ता में आने पर 72 हजार या छह हजार रुपए देने का झूठा वादा नहीं करते, लेकिन हम हर हाथ को काम और किसानों को पूरा दाम देंगे। सामंतवादी ताकतें हमारे वोटों को लूट न लें इसलिए हमने इस बार हरियाणा से लाकर मजबूत प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। दलितों, पिछड़ों और वंचितों के हक के लिए बसपा के हाथ में सत्ता की चाबी होना जरूरी है। बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी की घोषणा को फरेब बताते हुए लोगों से पूछा कि किसी का कर्ज माफ हुआ है क्याï? बेरोजगार युवाओं को भत्ता भी नहीं दिया और रोजगार भी नहीं है।