scriptघटने लगी चंबल, राहत व बचाव कार्य तेज | Chambal began to decrease, relief and rescue work intensified | Patrika News
मोरेना

घटने लगी चंबल, राहत व बचाव कार्य तेज

56.29 लाख क्यूसेक पानी दो दिन में छोडऩे से बिगड़े थे हालात

मोरेनाSep 20, 2019 / 04:38 pm

महेंद्र राजोरे

घटने लगी चंबल, राहत व बचाव कार्य तेज

,,मऊखेड़ा के पास चंबल में बोट से जाता बचाव दल।

52 गांव में घुसा बाढ़ का पानी
56.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया 15-16 सितंबर में
2850 हेक्टेयर क्षेत्र में खराब हुई खरीफ की फसलें
26 गांव में चला रेस्क्यू ऑपरेशन
4160 लोगों का किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन।
265 आवासीय परिसर जमींदोज हुए चंबल की बाढ़ से
मुरैना. चंबल में जल स्तर निरंतर कम हो रहा है। हालांकि चंबल खतरे के निशान से 1.5 मीटर ऊपर बह रही है। बुधवार की तुलना में गुरुवार को पानी कम होने की रफ्तार सुस्त हुई है। इस दौरान बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत कैंपों में भोजन, पानी, नाश्ते और दवाओं का इंतजाम किया जा रहा है। प्रशासन के साथ समाजसेवी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण भी बढ़-चढकऱ सहयोग कर रहे हैं।
कोटा बैराज से 15 एवं 16 सितंबर को समग्र रूप से 56.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे चंबल में बाढ़ के हालात बेकाबू हो गए। पहली बार लगातार चार दिन से चंबल खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। 23 साल पहले वर्ष 1996 में राजघाट के पुराने पुल के ऊपर चंबल का पानी आया था। लेकिन इस बार सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए खतरे के निशान 138 को पार करते हुए जल स्तर 145 मीटर तक जा पहुंचा। इससे पुराने पुल के ऊपर 15-18 फीट तक पानी चढ़ गया था। लेकिन अब पानी कम हो रहा है। जिला प्रशासन का कहना है, कि अब चंबल में 18 सितंबर को सुबह 11 बजे से महज 66 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। चंबल में सर्वाधिक 7.09 लाख क्यूसेक पानी 16 सितंबर को छोड़ा गया। इसके बाद से ही हालात बिगडऩा शुरू हुए। मंगलवार से जल स्तर कम होने से प्रशासन और जनता ने राहत महसूस की है।
कोई भी ऐसा गांव नहीं है जहां बाढ़ प्रभावितों तक प्रशासन न पहुंचा हो। रेस्क्यू किए गए लोगों को भोजन, पानी, दवा अन्य जरूरी सामान पर्याप्त मात्रा में दिया जा रहा है। प्रारंभिक आकलन में 2850 हेक्टेयर में फसलें और 265 मकानों/झोंपडिय़ों को नुकसान है। वास्तविक आकलन पानी निकलने के बाद ही हो सकेगा।
प्रियंका दास, कलेक्टर मुरैना
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो