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चंबल कॉलोनी में बिकती है शराब, टकराते हैं जाम

locationमोरेनाPublished: Jan 15, 2021 11:51:43 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

-शाम को पांच बजे के बाद कॉलोनी के टीनशेड क्षेत्र में सक्रिय हो जाते हैं असामाजिक तत्व

चंबल कॉलोनी में बिकती है शराब, टकराते हैं जाम

चंबल कॉलोनी में बिकती है शराब, टकराते हैं जाम

रवींद्र सिंह कुशवाह, मुरैना. शासकीय कार्यालयों और आवासों वाले परिसर चंबल कॉलोनी मेंं एक दर्जन से ’यादा निजी लोगों ने अवैध रूप से कब्जे कर अपने आवास बना लिए हैं। यहीं नहीं यहां से अवैध शराब सहित अन्य अनैतिक कारोबार भी संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन विभाग और प्रशासन उनके आगे बौना बना हुआ है। हालांकि विभाग ने कई बार प्रशासन अवैध कब्जे हटवाने के लिए पत्र लिखे, लेकिन हर बार उसे हल्के में लिया गया। खबर है कि कॉलोनी के परिसर में टीनशेड क्षेत्र में रात के समय शराबियों की महफिलेें भी जमती हैं।
बाहरी व्यक्तियों न केवल सरकारी आवासों पर कब्जे कर लिए हैं, बल्कि उनमें से अनैतिक धंधा-कारोबार भी किए जा रहे हैं। अनैतिक धंधे के कारण इन आवासों में असामाजिक तत्वों का आना-जाना भी लगा रहता है। शासकीय आवासों में निवास करने वाले शासकीय सेवकों के परिवारों से भी यह लोग अभद्र व्यवहार करते हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी सरकारी आवासों को अवैध लोगों के कब्जे से खाली कराने के लिए कई बार पत्र लिख चुके हैं। अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन कार्रवाई की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया है। वहीं सूत्रों का कहना है कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से ही सरकारी आवासों में निजी लोगों ने कब्जे कर लिए हैं। कार्रवाई के लिए भी लकीर पीटी जा रही है।
छैरा की शराब के कारोबार की भी चर्चा

खबर है कि चंबल कॉलोनी परिसर में कुछ स्थानों पर छैरा एवं अन्य स्थानों पर बन रही अवैध शराब का कारोबार भी होता है। सुबह पांच बजे से ही शराब पीने वाले यहां जमा होने लगते हैं। दिन में कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियो का आना-जाना शुरू होने के समय कुछ हल्का होता है और कार्यालीयन समय के बाद फिर महफिलें जमने लगती हैं।
कलेक्टर को लिखे जाते रहे हैं पत्र

जल संसाधन विभाग ने हाल ही में आवास आवंटन समिति की पांच जनवरी को हुई बैठक में इन आवासों को खाली करवाने के लिए कलेक्टर व एसडीएम को पत्र लिखने का निर्णय लिया था। इस क्रम में कलेक्टर को पत्र फिर लिखा गया है। इसके पहले कार्यपालन यंत्री स्तर से चार मई 2019, 31 जुलाई 2020 को कलेक्टर को पत्र लिखे जा चुके हैं, जबकि अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन एबीसी उप संभाग मुरैना ने 22 अप्रैल 2019 एवं चार अगस्त 2020 को पत्र लिखा था। वहीं कार्यपालन यंत्री अवैध कब्जों को लेकर 23 अक्टूबर को एसडीओ को नोटिस भी दे चुके हैं। एसडीओ ने 10 लोगों के कब्जे की सूची दी थी।
इन आवासों पर लोगों के अवैध कब्जे

चंबल कॉलोनी के आवास क्रमांक आईटी–03, 04 पर नामजद लोगों के कब्जे हैं। आवास क्रमांक आईटी-07, 08, आवास क्रमांक एचटी-02, 05 में भी नामजद लोगों का कब्जा है। आवास क्रमांक आईबी-05, 07 एवं 10 में भी नामजद लोगों के कब्जे हैं। इसके अलावा आवास क्रमांक आईटी-02 में अज्ञात व्यक्ति ने ताला डाल रखा है। आईटी 5 में भी अवैध रूप से ताला लगा है। आवास आईबी-11 में भी अज्ञात व्यक्ति का कब्जा है।
सरकारी अभियानों को ऐसे लगा रहे पलीता

सरकारी संपत्ति पर कब्जे, शराब, रेत व मिलावटी खाद्य व पेय पदार्थों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर प्रशासन का रवैया हमेशा ढुलमुल रहा है, जबकि सरकार निरंतर कठोर कार्रवाई के लिए खुली छूट दे चुकी है। नए कलेक्टर इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं, यह देखना होगा।
कथन-

सरकारी आवासों में अवैध लोगों ने कब्जा कर लिया है। यहां से अवैध धंधा व अनैतिक कारोबार भी होते हैं। शराब के बारे में हमें जानकारी नहीं है। कब्जा हटवाने के लिए प्रशासन को पत्र लिखे जाते रहे हैं। आज ही इस संबंध में अधिकारियों से फिर संपर्क किया है। एसडीओ ने कोतवाली पुलिस को भी एफआईआर के लिए पत्र लिखा है।
सुरेश वर्मा, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, मुरैना।

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