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छोटे-मझोले किसानों के जीवन में आएगा बदलाव

locationमोरेनाPublished: Nov 26, 2020 11:32:14 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

10 हजार नए एफपीओ की योजना से बढ़ेगी किसानों की आय: तोमर, केंद्रीय मंत्री ने किया मुरैना सहित 5 रा’यों में शहद के एफपीओ का शुभारंभ, ‘मीठी क्रांति’ से भारत का दुनिया में बनेगा महत्वपूर्ण स्थान
 

छोटे-मझोले किसानों के जीवन में आएगा बदलाव

छोटे-मझोले किसानों के जीवन में आएगा बदलाव

मुरैना. केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 10 हजार एफपीओ (फार्मर प्रोडेयूसर ऑर्गेनाइजेशन) बनाने की केंद्र सरकार की योजना के तहत 5 रा’यों में मधुमक्खी पालकों – शहद संग्राहकों के 5 एफपीओ का शुभारंभ गुरुवार को किया। यह एफपीओ मध्यप्रदेश के मुरैना, पश्चिम बंगाल में सुंदरवन, बिहार में पूर्वी चंपारण, राजस्थान में भरतपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिलों में नाफेड के सहयोग से बने हैं।
गुरुवार को दिल्ली में कृषि भवन से शुभारंभ करते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनने पर छोटे-मझोले किसानों के जीवन में बदलाव आएगा और इनकी आय काफी बढ़ेगी। वहीं ‘मीठी क्रांति’ से दुनिया में भारत का महत्वपूर्ण स्थान बनेगा। केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि 10 हजार एफपीओ बनाने की योजना की सफलता के लिए कृषि मंत्रालय ने बहुत अ‘छे से तैयारियां कर ली हैं। इस कार्यक्रम में नाफेड ने अग्रणी भूमिका निभाई है और नाफेड की टीम इस काम को सफलता के सोपान पर पहुंचाएंगी।
उन्होंने कहा कि इस उपक्रम को किसी सरकारी योजना के रूप में नहीं लें, यह स्कीम किसानों को हर तरह से लाभ पहुंचाने वाली है। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों की बड़ी आबादी को साथ लेकर व कंधे से कंधा मिलाकर चलना जरूरी है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि कृषि उपज का उत्पादन व उत्पादकता भी बढ़ेगी। किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे, एफपीओ के माध्यम से उन्हें अपनी कृषि उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा। एफपीओ प्लेटफार्म किसानों के लिए हर तरह से मददगार होगा और प्रधानमंत्री के लक्ष्य को पूर्णता प्रदान करेगा।
मीठी क्रांति के लिए 500 करोड़ रुपए का फंड

तोमर ने कहा कि मधुमक्खी पालन कार्य छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने में बड़ा मददगार साबित हो सकता है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि आने वाले कल में यह ‘मीठी क्रांति’ न केवल सफल हो, बल्कि इस लक्ष्य तक पहुंचे कि दुनिया में शहद की दृष्टि से भारत एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सके। इसके लिए 500 करोड़ रुपए का फंड आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पैकेज के रूप में दिया गया है। अन्य योजनाओं के माध्यम से भी मधुमक्खी पालकों को निरंतर प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
आय दोगुनी करने में मील का पत्थर साबित होंगे एफपीओ

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण रा’य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में एफपीओ का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। शहद में अलग-अलग वैरायटी की मांग बढ़ रही है। अब मीठी क्रांति की शुरूआत हो गई है। कार्यक्रम में कृषि मंत्रालय के सचिव सुधांशु पांडेय, नाफेड के एमडी संजीव कुमार चड्ढा अन्य अधिकारी-कर्मचारी व मधुमक्खी पालक भी शामिल हुए।
60 हजार क्विंटल शहद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा

भारत सरकार की योजना के अंतर्गत इन पांचों नए एफपीओ से जुड़े लगभग 500 गांवों के 4 से 5 हजार शहद उत्पादकों को इस परियोजना से सीधा लाभ पहुंचेगा। शहद उत्पादकों द्वारा निकाला जाने वाला 60 हजार क्विंटल शहद अब उनके स्वयं के द्वारा ही प्रोसेस करके नाफेड की मदद से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा, जिससे इनकी आय बढ़ेगी। एफपीओ के सदस्य संगठन के रूप में अपनी गतिविधियों का प्रबंधन कर सकेंगे, ताकि प्रौद्योगिकी, निवेश, वित्त और बाजार तक बेहतर पहुंच हो सकें। नाफेड अपनी सम्बद्ध संस्था इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स (आईएसएपी) के द्वारा मधुमक्खी पालकों के नए एफपीओ बना रहा हैं।
मुरैना में भी किया गया औपचारिक आयोजन

एफपीओ के शुभारंभ अवसर पर आंचालिक कृषि अनुसंधान केंद्र मुरैना में भी औपचारिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सह संचालक अनुसंधान डॉ. वायपी सिंह सहित अन्य वैज्ञानिक व एफपीओ से जुड़े लोग शामिल हुए। चंबल फेड शहद उत्पादक सहकारी समिति के अध्यक्ष बैनीराम कुशवाह व सचिव यशपाल कुशवाह भी इसमें शामिल हुए।

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