मोरेना

मौसम बदलने से ठंड बढ़ी, फसलों को सीधा लाभ

सुबह से बादलों का डेरा, रिमझिम बारिश भी हुई

मोरेनाDec 06, 2017 / 04:41 pm

महेंद्र राजोरे

खेतों में उगी सरसों की फसल और आसमान में छाए बादल।

मुरैना. मौसम के बदले रुख से मंगलवार को तापमान में गिरावट दर्ज की गई। सुबह से धूप न निकलने और दोपहर में रिमझिम बारिश होने से सर्दी का एहसास बढ़ गया। रात का पारा 9.5 डिग्री सेल्सियस तक उतर जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई। हालांकि मौसम के इस बदलाव को रबी फसलों के लिए लाभकारी माना जा रहा है। किसान इससे खुश हैं।
नहरों से पर्याप्त पानी नहीं मिलने से सरसों की बोवनी का रकबा करीब 11 हजार हेक्टेयर कम हो गया है, लेकिन इसकी भरपाई गेहूं की बोवनी से करने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक 2.71 लाख के लक्ष्य के विरुद्ध दो लाख 41 हजार 151 हेक्टेयर में बोवनी किसानों ने कर ली है। सबलगढ़ में नहर में दो किशोरों के डूबने से एलएमसी में दो-तीन दिन पानी बंद करने से पलेवा में थोड़ी सी देर होने से बोवनी कुछ पिछड़ी है। गेहूं के लिए 92 हजार 400 के विरुद्ध 77 हजार 984 हेक्टेयर में बोवनी हुई है। एसएडीओ किसान कल्याण अशोक सिंह गुर्जर कहते हैं कि तापमान में गिरावट और रिमझिम बारिश का लाभ रबी की प्रत्येक फसल को मिलेगा। जो सरसों 30-35 दिन की हो चुकी है उसमें एक सिंचाई की आवश्यकता महसूस हो रही है। मौसम के इस बदलाव से कुछ दिन की राहत मिल सकती है। गेहूं की बोवनी की गति बढ़ाने और अंकुरित हो चुकी फसल में भी लाभ होगा।
बारिश से ठंडक भी बढ़ी, धूल से मिली राहत
रिमझिम बरसात से जहां मौसम में ठंडक बढ़ गई है, वहीं शहर में धूल उडऩे से होने वाली परेशानी भी कम हुई। हालांकि यह बारिश दर्ज करने की स्थिति में नहीं है, लेकिन आसमान में उडऩे वाली धुंध से राहत मिली। खास तौर पर एमएस रोड पर वनखंडी रोड से चंबल कॉलोनी के गेट तक लोग अधिक परेशान हो रहे थे। संजय कॉलोनी, जीवाजीगंज, नैनागढ़ रोड, महावीरपुरा आदि क्षेत्रों में भी समस्या थी।
मौसम में यह बदलाव फसलों के लिए शुभ संकेत है। इससे जहां अंकुरित फसलों को लाभ होगा वहीं बोवनी की गति बढ़ेगी। दो दिन ऐसा ही मौसम रहने की उम्मीद है।
डॉ. हरवेंद्र सिंह, तकनीकी अधिकारी आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र

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