बारिश के सीजन में 15 जून को पुल उखाड़ लिया जाता है और 15 अक्टूबर से बरसात का सीजन खत्म मानकर पुल को चालू करवा दिया जाता है, लेकिन इस बार अब तक नहीं हो पाया है। हालांकि पिछले साल भी ऐसा ही हुआ था और तय समय से करीब तीन माह विलंब से पुल का निर्माण हो पाया था, लेकिन तब पानी ’यादा होना एक कारण था। इस बार तो ऐसी कोई समस्या नहीं है। हालांकि कहा जा रहा है कि चुनाव को देखते हुए प्रशासन पुल के निर्माण को लेकर फिलहाल उत्साहित नहीं है। परिणाम आने के बाद दीपावली तक पुल को चालू कराया जा सकता है। उसैद घाट के पुल से आम जनता को कई प्रकार का फायदा होता है। व्यापार के साथ दूसरी ओर किनारे के गांवों में रिश्तेदारियां भी हैं। यहां लोगों का आना जाना रहता है सुहाग नगरी के नाम से चर्चित फिरोजाबाद से कांज के सामान का बड़ा कारोबार इस अंचल में होता है। लेकिन पुल के अभाव में लोग थोड़ा ही सामान ला पा रहे हैं। आगरा बाजार से भी सौदा लेकर उसैद घाट के पुल पर ही निकला जाता है। उसैद घाट के पुल के बन जाने से क्षेत्र के सैकड़ों गांव लाभान्वित होंगे। इस बात को ध्यान में रखकर पुल निर्माण कार्य शुरू कराया गया था, बाद में विवादों के चलते फिर बंद हो गया। अब टैंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। इससे लोग परेशान हैं। एक युवक रामनिवास सिंह ने बताया कि उसैद में मामा के यहां होकर यहीं से आगरा होकर दिल्ली काम के सिलसिले में निकल जाते थे, लेकिन अब परेशानी हो रही है।