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मोरेना

नहरों की सफाई से अफसरों व ठेकेदारों की भर रही जेबें, किसान चिंतित

– जिले में नहरों की सफाई में हो रही औपचारिकता
– 171 किमी लंबी अंबाह ब्रांच कैनाल और 55 किमी की मुरैना ब्रांच कैनाल व उनसे निकली माइनरी व वितरिकाओं की होनी थी सफाई, पानी छोड़ा नहीं हो सकी पूरी सफाई

मोरेनाNov 09, 2024 / 11:59 am

Ashok Sharma

मुरैना. नहर किसानों की सही मायने में जीवनदायिनी हैं। इन नहरों को सुव्यवस्थित रखने की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के अफसरों की है। मगर ये काम भी अफसरों से नहीं हो रहा है। मगर ये काम भी अफसरों से नहीं हो रहा है। सफाई का काम जिस समय सीमा में किया जाना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है। इन दिनों नहरों की सफाई के नाम पर औपचारिता की जा रही है। नहरों में पानी छोड़ा जा चुका है जबकि सफाई पूरी तरह नहीं हो सकी है।
ठेकेदारों ने नहरों की सफाई का ठेका लिया है लेकिन ब्लो रेट पर होने के कारण काम तरीके से नीं हो रहा। नहरों में मशीन से मिट्टी एकत्रित कर दी है लेकिन उसको हटाया नहीं गया है। उधर पानी छोडऩे की तारीख नजदीक आ रही है, पानी आने पर वह मिट्टी फिर से पानी में मिलकर नहर में जमा हो जाएगी। इस वजह से किसान परेशान होते है क्योंकि सफाई समय पर प्रोपर तरीके से नहीं होने से पानी आने पर नहरों के फूटने की आशंका रहती है। अंबाह ब्रांच कैनाल का 11 लाख और अंबाह ब्रांच कैनाल की सफाई का टेंडर 7 लाख रुपए में हुआ है। जिले की सीमा से निकली मुरैना ब्रांच कैनाल, लोवर ब्रांच कैनाल, अंबाह ब्रांच कैनाल सहित कई छोटी छोटी माइनरियां व वितरिकाएं हैं जिनकी पानी आने से पूर्व सफाई होनी हैं। विभाग ने फिलहाल टेंडर तो कर दिए हैं लेकिन सफाई की मॉनीटरिंग नहीं की जा रही है, ठेकेदार जैसे कर रहे हैं, उसी हिसाब से चल रही है। बताया गया है कि टेंडर काफी कम रेट पर हुआ है इसलिए ठेकेदार यह कोशिश करेगा कि कम रेट की कैसे पूर्ति की जाए। ऊपर से अधिकारियों का कमीशन भी देना होगा। कई जगह तो नहरों में पानी भरा है, ऐसी स्थिति में सफाई कैसे संभव है। विभाग को पहले पानी निकालना होगा, उसके बाद सफाई की जा सकती है। खबर है कि विभाग हर साल नहरों की सफाई व मरम्मत का ठेका करता है लेकिन ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ के चलते बजट को खुर्द बुर्द कर दिया जाता है और सफाई व मरम्मत के नाम पर औपचारिकता पूरी की जाती है।
ये हैं जिम्मेदार अफसर
जिले से निकली नहरों की देखभाल की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, एसडीओ, सब इंजीनियर सहित अन्य अमला है, उसकी रहती है लेकिन इनमें से अधिकाशं अधिकारी मुख्यालय पर नहीं रहते। जबकि नियमानुसार जब नहरों में पानी की सप्लाई शुरू हो जाए तो अधिकारी मुख्यालय पर रहें और नहरों की विजिट भी करें लेकिन अधिकारी शासकीय वाहनों से ग्वालियर से अपडाउन करते हैं। उनकी लॉगबुक क्षेत्र में भ्रमण के नाम पर भरी जाती हैं। मुरैना में कार्यपालन यंत्री को बंगला एलॉट हुए एक साल होने को है लेकिन अभी तक बंगले में गृह प्रवेश नहीं हुआ है। सिर्फ यह दिखाने के लिए उनके पास मुख्यालय पर बंगला है। लेकिन उसमें रहते नहीं हैं।
जिले में नहरों की यह है स्थिति
हालात 1
  • अंबाह ब्रांच कैनाल की लंबाई 171 किमी है। इसमें 2000 क्यूसेक के करीब पानी मिलना चाहिए लेकिन हर बार कम पानी मिलता है, जिससे किसानों की खेती पूरी तरह सिंचिंत नहीं हो पाती है। इस नहर से 102000 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाती है।
    हालात 2
  • मुरैना ब्रांच कैनाल की लंबाई 55 किमी है। इस नहर को 500 क्यूसेक के करीब पानी मिलना चाहिए लेकिन पूरा पानी पिछले लंबे समय से नहीं मिला है। इसलिए 44000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है, वह नहीं हो पाती है। किसान काफी परेशान हैं।
    हालात 3
  • जिले की मुरैना ब्रांच कैनाल, अंबाह ब्रांच कैनाल से निकली माइनरियों की अभी तक सफाई शुरू नहीं की गई है। एबीसी से निकली 22 एल की तमाम माइनरियों के बीच झाडिय़ां खड़ी हुई हैं। वहीं चूहों ने कई बिल कर दिए हैं। अगर समय रहते इनकी सफाई व मरम्मत नहीं हुई तो पानी छोडऩे पर फूटने की आशंका रहेगी।
    क्या कहते हैं किसान
  • नहरों की सफाई तो हो रही है लेकिन प्रोपर नहीं हो रही, झाडिय़ां साफ नहीं की जा रही हैं। मशीन से नहरों में मिट्टी एकत्रित तो कर दी लेकिन ढेर लगे हैं, उनको नहीं हटाया जा रहा है।
    रामविलास शर्मा, किसान
  • नहरों से निकली माइनरियों की अभी तक सफाई शुरू नहीं की गई हैं, अभी भी झाड़ खड़े हैं। जबकि नहरों में पानी आने वाला हो गया। अगर समय रहते सफाई नहीं हुई तो माइनरी फूट सकती हैं।
    महेन्द्र डंडोतिया, किसान
  • अंबाह ब्रांच कैनाल में कई जगह पानी भरा हुआ है, उसमें तमाम कचरा पड़ा है, वह पानी निकाला जाए तब नहर की सफाई हो सके लेकिन ठेकेदार सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी कर रहे हैं।
    हरगोङ्क्षवद कुशवाह, किसान
  • पिछली साल भी नहर में पानी आने से कुछ समय पूर्व ही सफाई शुरू की थी और जो मिट्टी के ढेर नहरों में लगे थे, वह उठ नहीं पाए जब तक पानी आ गया और वह पानी के साथ बह गए।
    रामनारायण गौड़, किसान
    क्या बोले अफसर
  • एमबीसी की सफाई का टेंडर सात लाख रुपए का हुआ है। सफाई का कार्य चल रहा है। पानी आने से पूर्व मिट्टी के ढेर हटवा दिए जाएंगे। समय समय पर सफाई की मॉनीटरिंग भी की जा रही है।
    राहुल यादव, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग
    ये बोले कलेक्टर
  • नहरों में सफाई का मामला मेरी जानकारी में है। मैंने आज ही जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए जिससे पानी आने पर नहरों के फूटने की शिकायत न मिलें।
    अंकित अस्थाना, कलेक्टर, मुरैना

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