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कोचिंग के नियम पूरे, भवनों का कमर्शियल डायवर्सन नहीं

locationमोरेनाPublished: Jun 23, 2019 11:39:35 pm

नोटिस की औपचारिकता पूरी कर, खामोश बैठा प्रशासन

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जीवाजीगंज में वह गली, जिसमें कई घरों में कोचिंग सेंटर्स संचालित हैं।

मुरैना. सूरत में कोचिंग सेंटर में आग लगने से छात्र-छात्राओं की मौत के बाद हरकत में आया प्रशासन अब इस मसले पर सुस्त पड़ गया है। हालांकि इस सिलसिले में सरकारी स्तर से नोटिस जारी किए जाने के बाद कोचिंग संचालकों ने तो बहुत हद तक सुरक्षा संबंधी मानदण्ड तय कर लिए हैं, लेकिन जिन मकानों में कोचिंग सेंटर संचालित हैं, उनके मकान मालिक कमॢशयल डायवर्सन कराने को तैयार नहीं हैं।
प्रशासन ने नोटिस जारी करके कोचिंग संचालकों को रजिस्ट्रेशन सहित अन्य सुरक्षा संबंधी मानदण्ड तय करने के लिए 15 दिन का समय दिया था। इसी तरह उन लोगों को भी कमॢशयल डायवर्सन कराने की हिदायत दी गई थी, जिनके मकानों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। नोटिस पर अब तक हुए अमल की बात करें तो कोचिंग संचालकों ने बहुत हद तक सुरक्षा मानदण्ड तय कर लिए हैं। अधिकांश कोचिंग सेेंटर्स रजिस्टर्ड भी कराए जा चुके हैं, लेकिन जिन मकानों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, उनके मालिकों ने सरकारी नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया। उल्लेखनीय है कि शहर में इस समय तकरीबन 600 छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर संचालित हैं। इनमें से 80 फीसदी कोचिंग सेंटर किराए के भवनों में चल रहेे हैं। भवन मालिक, कोचिंग संचालकों से किराया भी मोटा वसूल कर रहे हैं, लेकिन वे कमर्शियल डायवर्सन कराने को तैयार नहीं हैं। आलम यह है सरकारी नोटिस जारी होने के बाद भी अब तक बमुश्किल 10-15 फीसदी लोगों ने ही अपने मकान का कमर्शियल डायवर्सन कराया है।
क्यों नहीं करा रहे डायवर्सन
जिन मकानों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, उनके मालिक कमर्शियल डायवर्सन इसलिए नहीं करा रहे, क्योंकि ऐसा करते ही उनका मकान हमेशा के लिए कमॢशयल भवन के रूप में दर्ज हो जाएगा। इसके बाद उन्हें इसका टैक्स भी अदा करना पड़ेगा। सूत्रों की मानें तो भवन मालिक किसी भी कीमत पर अपने मकान का कमॢशयल डायवर्सन नहीं कराना चाहते, चाहे भले ही उन्हें कोचिंग सेंटर खाली क्यों न कराना पड़े।
ये मानदण्ड किए गए थे तय
सभी कोचिंग सेंटर्स संचालकों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
प्रत्येक कोचिंग सेंटर पर मुख्य द्वार के अलावा इमरजेंसी गेट भी हो।
जमीन तल से ऊपर संचालित कोचिंग्स में सीढिय़ां भी चौड़ी हों।
सभी कोचिंग सेंटर्स पर सीसीटीवी कैमरों का इंतजाम हो।
प्रत्येक कोचिंग सेंटर पर आग बुझाने का संयंत्र उपलब्ध होना चाहिए।
कोचिंग सेंटर ऐसी गली में संचालित हो, जहां दमकल आ-जा सके।
जिन भवनों में कोचिंग चल रही हैं, उनका कमर्शियल डायवर्सन कराया जाए।
वाहन पार्किंग अब भी सडक़ पर
शहर में संचालित कोचिंग सेंटर्स पर सुरक्षा संबंधी मानदण्ड लगभग तय कर लिए गए हैं, लेकिन वाहनों की पार्किंग अभी भी सडक़ पर ही की जा रही है। आलम यह है कि चाहे जीवाजी गंज का कोचिंग जोन हो अथवा शिक्षा नगर का। सभी जगह कोचिंग सेंटर्स के बाहर सडक़ पर ही वाहनों की पार्किंग की जा रही है, जिससे सडक़ों पर आवागमन अवरुद्ध हो रहा है। इस समस्या पर सरकारी अमले ने अभी तक ध्यान भी नहीं दिया है।
कथन
रजिस्टे्रेशन के बाद सभी कोचिंग सेंटर्स की सूची हमारे पास आ चुकी है। स्कूल खुलने के बाद वहां फिर से चेकिंग की जाएगी। भवनों का कमर्शियल डायवर्सन चेक करने के लिए भी नगर निगम व राजस्व विभाग का एक संयुक्त दल बनाया जा रहा है। यदि सरकारी आदेश की नाफरमानी होती मिली तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एसके जाधव, एसडीएम, मुरैना
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