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कलेक्टर ने छात्रों को बताया अपनी सफलता का राज

locationमोरेनाPublished: Sep 17, 2020 11:38:33 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

कहा विद्यार्थी के कार्य शिक्षक की गुरुता को प्रदर्शित करते हैं

कलेक्टर ने छात्रों को बताया अपनी सफलता का राज

कलेक्टर ने छात्रों को बताया अपनी सफलता का राज

मुरैना. एक विद्यार्थी में उसके शिक्षक के ज्ञान का प्रतिबिंब दिखाई देता है। विद्यार्थी के कार्य ही शिक्षक की गुरुता का बखान करते हैं। इसलिए शिक्षक आदिकाल से विद्यार्थियों को ज्ञानार्जन कराने के साथ समाज का पथ प्रदर्शन करने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने गुरुवार को मप्र शिक्षक संघ के जिला स्तरीय कार्यक्रम में 101 उत्कृष्ट व सेवानिवृत शिक्षकों को सम्मानित करते हुए यह बात कही।
पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित समारोह में जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष शर्मा, डीपीसी बीएस इन्दोलिया, एडीपीसी रविंद्र तोमर, शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष रामबरन सिंह पायथा विशेष तौर से मौजूद रहे। सम्मान समारोह के संयोजक जिलाध्यक्ष डॉ. नरेश सिंह सिकरवार ने अतिथियों का स्वागत किया। कलेक्टर ने सेवानिवृत्त व उत्कृष्ट शिक्षकों को पुष्प हार पहनाया और शॉल, श्रीफल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर कलेक्टर वर्मा ने कहा कि शिक्षक समाज की धुरी हैं, विद्यार्थी शिक्षक का आईना हंै। विद्यार्थी के कार्य शिक्षक की काबिलियत का बखान करते हैं। शिक्षकों के आशीर्वाद से ही में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पार कर पाया। कई बार असफल होने पर में निराश हो गया था । मैने नौकरी जॉइन कर ली थी। तब मेरे शिक्षकों ने मुझमें आत्मविश्वास जगाया मुझे आत्मबोध कराया। और मैने सफलता पाई। डीईओ शर्मा ने कहा कि शिक्षक समाज में अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है और समाज को राह दिखाता है, तभी शिक्षक को समाज में उ’च दर्जा दिया जाता है।
इससे पहले जिलाध्यक्ष डॉ. सिकरवार ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान हर साल किया जाता है जिससे उन्हें अ’छा कार्य करने की प्रेरणा मिले। उन्होंने कहा कि शिक्षा व समाज का परस्पर संगम है। जितने भी परिवर्तन समाज में आते है उससे शिक्षा भी प्रभावित होती है। शिक्षा से अपेक्षाएं अधिक हैं। हम सभी शिक्षकों को अपने दायित्वों का अहसास कर उन्हें मूर्तरूप देना होगा। शिक्षा से समाज में परिवर्तन होता है लेकिन समाज से प्रभावित होने वाली शिक्षा है। शिक्षा को कक्षा के कमरों से बाहर निकाल कर जीवन उपयोगी बनाना होगा। ब’चों को प्रकृति से जोडऩा होगा। शिक्षाविद रामनिवास शर्मा ने कहा कि शिक्षक को मर्यादाशील होना चाहिए। अपना व्यवहार सदैव नम्र रखना चाहिए। डीपीसी इन्दोलिया, ने भी संबोधित किया। मंच संचालन महेश गुप्ता ने व आभार प्रदर्शन विमलेश यादव ने किया। कार्यक्रम में डॉ. विनायक सिंह तोमर, उमेश पाठक, रघुराज परमार, धर्म सिंह तोमर, जगेंद्र जादौन, रामबाबू त्यागी, घनश्याम शर्मा, भक्त प्रहलाद, सबलगढ़ , जौरा, पोरसा, अंबाह, कैलारस ,मुरैना ब्लॉक के शिक्षक मौजूद रहे।
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