कमिश्नर मिश्रा ने कहा कि शहर में 10 दिन कफ्र्यू लगा है लेकिन व्यवहार में यह दिख नहीं रहा है। इसलिए सख्ती बरती जाए। कंटेनमेंट एरिया में निवासरत लोगों का निकलना बिल्कुल बंद किया जाए। बेहद जरूरी नहीं होने पर नहीं निकलने दिया जाए। कमिश्नर ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में ढील बरतना ही हमारे लिए सिरदर्द बन गया है। इसी वजह से कोरोना की चेन नहीं टूट पा रही है। इसलिए कफ्र्यू की चैन नहीं टूट पा रही है। जिला एवं पुलिस प्रशासन कफ्र्यू को प्रभावी तरीके से लागू करें। कफ्र्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रोकथाम के उपायों पर इन्सीडेन्ट कमान्डरों सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ इस कमिश्नर ने बैठक भी की। इस दौरान कलेक्टर प्रियंका दास, पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया, अपर आयुक्त अशोक कुमार चौहान आदि मौजूद रहे।
शत-प्रतिशत बंद कराएं दुकानें : मिश्रा ने कहा कि कोरोना काल में लोंगो के जीवन को बचाने के लिए कफ्र्यू का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन इसका क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो पा रहा है। लोग सडक़ों पर भी आना-जाना कर रहे हैं और गलियों में पान सहित अन्य दुकानें भी संचालित हो रही हैं। दुकानें शत-प्रतिशत बंद कराने पर जोर देते हुए कमिश्नर ने कहा कि लोग अपने घरों से निकलकर दरवाजे पर इक_े होकर बैठ रहे हैं। यह भी बंद होना चाहिए। कमिश्नर ने कहा कि दो पहिया वाहन पर यदि तीन लोग बैठे मिलते हैं तो उसे जब्त किया जाए। हर आने-जाने वाले व्यक्ति से पूछताछ की जाए। बाजार, स्कूल, कॉलेज सहित अन्य संस्थाएं बंद हैं तो लोग कहां जा रहे हैं।
तो खड़ी हो जाएगी मुश्किल: कमिश्नर ने कहा कि कफ्र्यू में जिन लोगों को छूट दी गई है वे भी एक जगह खड़े होकर कारोबार नहीं करेंंगे। उन्होंने कहा कि मंगलवार को जिले में 115 कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। इस गति से संक्रमित आए तो प्रशासन के सामने मुश्किल खड़ी हो जाएगी। कोरोना की रोकथाम में लगे इंसीडेंट कमांडरों को हर वक्त अपने साथ 50-50 मास्क एवं सैनेटाइजर की छोटी बोतलें रखनी चाहिए। जरूरत पडऩे पर वे इनका वितरण भी करें। बिना मास्क मिलने वालों पर जुर्माना भी करें।
शहर में कराएं कफ्र्यू की मुनादी कमिश्नर ने कहा कि मंत्री आते हैं तो भीड़ एकत्र होती है। यहां यह देखा जाए कि नियमों का उल्लंघन न हो। सीमाओं पर चेकपोस्ट बनाकर शहर में कफ्र्यू की मुनादी भी कराएं। कफ्र्यू लगने का जगह-जगह एनाउन्समेन्ट होता रहे। बॉडरों पर चैक पोस्ट बनाए जाएं। यहां ट्रेकों को नहीं रोका जाएं। बाहर के व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही उसे जाने दिया जाए। पूरे शहर में कफ्र्यू जैसा दिखना चाहिए। दुकाने खुली पाई जाने पर इंसीडेन्ट कमान्डर उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करें, वे अपनी शक्तियों का पूरी तरह से उपयोग करें।