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अपराध दर्ज हैं 11, पुलिस ने पांच बताकर दी विधान सभा में गलत जानकारी

locationमोरेनाPublished: Mar 05, 2021 08:15:42 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

– ग्वालियर विधायक सतीश सिकरवार ने उठाया विधानसभा में प्रश्न

अपराध दर्ज हैं 11, पुलिस ने पांच बताकर दी विधान सभा में गलत जानकारी

अपराध दर्ज हैं 11, पुलिस ने पांच बताकर दी विधान सभा में गलत जानकारी

मुरैना. सिविल लाइन थाने में वर्ष २००६ में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी बच्चू सिंह गुर्जर निवासी खासखेड़ा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर ग्वालियर विधायक सतीश सिकरवार ने विधाानसभा में प्रश्न उठाया। जिसमें सिविल लाइन थाना पुलिस ने गलत जानकारी दी गई है। बताया गया है कि बच्चू सिंह पर ११ अपराध दर्ज हैं जबकि पुलिस ने पांच अपराध दर्ज होना बताया है। जिसका हवाला गृहमंत्री ने अपने जवाब में दिया है।
विधायक सिरकवार ने विधानसभा में प्रश्न रखा कि गृह मंत्री बताएं कि सिविल लाइन थाने में ४ सितंबर २००६ में अपराध क्रमांक ३८८/०६ के तहत हत्या के प्रयास, रास्ता रोकने, बलवा की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया था। उक्त अपराध में किन किन लोगों के नाम थे, उनके नाम पता सहित पूर्ण जानकारी दी जाए। क्या प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट तत्कालीन टी आई व पुलिस अधीक्षक मुरैना न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने खात्मा रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुए अनुसंधान कर अतिरिक्त साक्ष्य के आधार पर पुन: कार्रवाई करने हेतु सिविल लाइन को निर्देशित किया था। इसमें पुलिस ने कब कब क्या कार्रवाई की गई। उक्त अपराध के मुख्य आरोपी पर ११ संगीन पूर्व से ही कायम हैं, क्या शिकायतकर्ता की आशंका सही है अपराध की डायरी गुम कर दी गई है। उक्त प्रश्न के जवाब में गृह मंत्री ने मुरैना पुलिस से जानकारी लेकर जवाब पेश किया। जिसमें गृहमंत्री को सिविल लाइन पुलिस ने जो जानकारी भेजी है, उसमें अपराध के मुख्य आरोपी बच्चू सिंह गुर्जर पर पांच अपराध दर्ज होना बताया है। जबकि उस पर ११ अपराध दर्ज हैं। प्रकरण में पुन: अनुसंधान होने के कारण विवेचना की जानकारी दी जाना विधि सम्मत नहीं बताया। अपराध की कोई डायरी गुम नहीं हुई हैं। सिविल लाइन थाने के तत्कालीन टी आई राजीव चतुर्वेदी ने उक्त हत्या के प्रयास में खात्मा रिपोर्ट लगाकर सीजेएम न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने ११ फरवरी २०१० को खात्मा रिपोर्ट को अस्वीकृत कर अतिरिक्त परीक्षण व अनुसंधान कर पुन: कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद से पुलिस ने उक्त मामले को गंभीरता से नहीं लिया। आरोपी को न तो गिरफ्तार किया और न मामले न्यायालय में चालान पेश किया गया। सिविल लाइन में कई थाना प्रभारी बदल गए लेकिन इस मामले में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
कथन
– अपराधी के विरुद्ध ११ अपराध दर्ज हैं और पांच की जानकारी विधानसभा में कैसे भेजी गई, इसका मैं पता करवाता हूं।
सुनील कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक, मुरैना
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