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इलाज में देरी से प्रसूता की मौत पर हंगामा

locationमोरेनाPublished: Sep 13, 2017 04:36:00 pm

अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ फूटा जनाक्रोश, परिजन ने कलेक्टर निवास के सामने शव रखकर लगाया जाम

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रुदन : शव को लेकर कलेक्टर निवास की ओर जाते परिजन।

मुरैना. जिला अस्पताल में समुचित उपचार नहीं मिल पाने के कारण मंगलवार को एक प्रसूता की मौत हो गई। प्रसूता तकरीबन एक घंटे तक तड़पती रही, लेकिन कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं पहुंचा। यही वजह रही कि उसकी मौत के बाद परिजन ने अस्पताल में हंगामा किया और लाश को कलेक्टर निवास के सामने रखकर एमएस रोड पर जाम भी लगाया।

पंछी का पुरा, खेड़ा मेवदा निवासी जबर सिंह की पत्नी नीतू २२ वर्ष का प्रसव सोमवार को सीजर ऑपरेशन के जरिए हुआ था। सबकुछ ठीक था, लेकिन अलसुबह तकरीबन चार बजे अचानक उसका पेट फूल गया और दर्द होने लगा। नीतू के साथ मौजूद परिजन ने यह बात स्टाफ नर्सों को बताई तो उन्होंने कहा कि वे अभी डॉक्टर को बुलाती हैं, लेकिन उस वक्त कोई डॉक्टर वहां मौजूद नहीं थी। उधर नीतू की हालत बिगड़ती जा रही थी। परिजन के पूछने पर स्टाफ नर्सें सिर्फ यही कहती रहीं कि डॉक्टर अभी आ रही हैं। इसी दौरान एक घंटे बाद तकरीबन पांच बजे नीतू की मौत हो गई। इसके बाद डॉ. शालिनी मिश्रा अस्पताल पहुंचीं। डॉक्टर द्वारा नीतू को मृत घोषित करते ही परिजन का आक्रोश फूट पड़ा। वे अस्पताल में उपचार में कोताही की बात कहते हुए हंगामा करने लगे। कुछ ही देर बाद कांग्रेस नेता गिर्राज डंडौतिया भी वहां पहुंच गए और इस मामले में कार्रवाई की मांग करने लगे। स्थिति बिगडऩे की खबर पाकर टीआई कोतवाली योगेन्द्र सिंह जादौन, स्टेशन रोड थाना प्रभारी भूमिका दुबे सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। कुछ ही देर में एसडीएम प्रदीप तोमर वहां आए और परिजन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नीतू को शव को स्ट्रेचर पर रखकर कलेक्टर निवास तक ले गए और उसे सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। हालांकि पुलिस ने कुछ ही देर में जाम खुलवा दिया। पांच घंटे तक हंगामे के बाद एसडीएम ने परिजन को मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब वे नीतू का शव लेकर गांव के लिए रवाना हुए।

…तो बच जाती नीतू की जान
नीतू के परिजन ही नहीं, बल्कि वार्ड में भर्ती अन्य प्रसूताओं तथा उनके परिजन का भी कहना था कि यदि समय पर उपचार मिल जाता तो उसकी जान बच जाती। नीतू के भाई अर्जुन कुशवाह ने बताया कि जब हम लोग नर्सों को उसकी हालत के बारे में बता रहे थे तो वे यह कहकर टाल रही थीं कि ऐसे तो दर्द होता ही रहता है। अर्जुन ने कहा कि मेटरनिटी वार्ड में हर वक्त डॉक्टर मौजूद रहनी चाहिए, लेकिन सोमवार-मंगलवार की रात कोई डॉक्टर ड्यूटी पर थी ही नहीं। यदि डॉक्टर वहां मौजूद होती तो नीतू को तुरंत उपचार मिल सकता था।

प्रसूता की मौत पर जांच को आई जेडी की टीम


मुरैना. जिला अस्पताल में उपचार के अभाव में प्रसूता की मौत के बाद ज्वाइंट डायरेक्टर की टीम यहां जांच के लिए आई। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम सक्सेना तथा ज्वाइंट डायरेक्ट की टीम के डॉ. भदकारिया ने यहां पहुंचकर सबसे पहले मृतका नीतू कुशवाह की केस डायरी देखी। इसके बाद उन्होंने मेटरनिटी वार्ड में उसकी मौत के वक्त ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की, लेकिन जेडी की टीम ने इस मामले में मृतका के परिजन से मुलाकात नहीं की।
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