ज्ञापन में बताया गया कि चंचल शर्मा पिता राघवेन्द्र शर्मा के अनुसार राहुल यादव नामक व्यक्ति चंचल शर्मा को पहले से ही जानता था और दोनों की बातचीत होती थी। चंचल की 6 माह पहले शादी जाने से उसने बात करने इनकार कर दिया। इससे परेशान राहुल बार-बार मरने व मारने की धमकी देने लगा। लड़की ने यह बात अपने मां को बताई तब चंचल की मम्मी ने अपने घर वालों को बताया। इसके बाद चंचल के घर वालों ने राहुल यादव और उसके घर वालों को समझाया। इसके बावजूद वह माना नहीं और फोन पर बात करने लगा। इसी दौरान उसने आखिरी बार मिलने का आग्रह किया, लेकिन लड़की फिर भी मना करती रही। बावजूद इसके राहुल लड़की के घर में दीवार फांदकर पहुंच गया। उसने अपने और लड़की के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। चीख-पुकार सुनकर घर के लोग लड़की के कमरे में पहुंचे तो दोनों को बाहर निकाला और जिला चिकित्सालय सागर में भर्ती कराया। चंचल को भोपाल रैफर किया गया, जहां हमीदिया अस्पताल में उपचार चल रहा है और राहुल की मौत हो गई।
इस मामले में राहुल के परिजनों ने राजनीतिक दखल से विष्णु शर्मा को मुख्य आरोपी बनाते हुए लड़की के पिता व अन्य परिजनों को भी आरोपी बनाया है। ज्ञापन में अनुसार यह मामला पूरी तरह झूठा है, इसलिए सीबीआई जांच से सत्यता सामने लाई जाए। जबकि विष्णु शर्मा घटना स्थल से 80 किमी दूर नौकरी करता है और इस मामले से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। न्याय न मिलने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन देने वालों में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रमेश स्वामी, बंटी गुधेनिया, अखिलेश शर्मा, दुष्यंत शर्मा, जोगेंद्र सरपंच, सुभाष शर्मा, मनीष उपाध्याय, मनीष शर्मा, रमन शर्मा, अमित व्यास, भोला समाधिया, राधेश्याम शर्मा, अशोक शर्मा, गोविंद शर्मा, अनूप हरदेनिया, राजीव शर्मा, विष्णु उपाध्याय, विनय उपाध्याय, राममोहन शर्मा, सतेंद्र शर्मा, श्यामवीर शर्मा, अनुराग शर्मा, सुधीर पंडित, पीयूष करसोलिया, अंकित उपाध्याय, गब्बर शर्मा, नीरू भारद्वाज, सोनू उपाध्याय, पवन शर्मा, अरविंद समाधिया, सतीश उपाध्याय शामिल रहे।