दिलीप के ट्रेन से कटने के काफी देर तक तो उसकी शिनाख्त ही नहीं हो सकी। कुछ देर बाद जब जीआरपी मौके पर पहुंची तो तलाशी लेने पर जेब से मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान हुई। इसके बाद उसके परिजन को खबर दी गई। दिलीप की मौत हादसा है अथवा खुदकुशी, इस बारे में कोई, कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है। लेकिन घटना के स्वरूप को देखकर लोग इस मामले को आत्महत्या के रूप में ही देख रहे हैं। पुलिस ने फिलहाल इस सिलसिले में मर्ग कायम कर, मामले को जांच में ले लिया है।
खड़ी रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
दिलीप का शव ट्रेक पर पड़े होने की वजह से डाउन छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस तकरीबन एक घण्टे तक खड़ी रही। उल्लेखनीय है कि यदि टे्रक पर कोई डैड बॉड पड़ी हो तो उसे उठाए जाने तक किसी ट्रेन को पास नहीं किया जाता।
दिलीप का शव भी बीच ट्रेक पर पड़ा था, इसलिए दिल्ली की ओर जाने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस शव उठने तक नए मालगोदाम पर ही खड़ी रही।
युवक की संदिग्ध अवस्था में मौत
मुडिय़ाखेरा गांव के रहने वाले एक युवक की यहां संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। उसकी बाइक और शव शुक्रवार को सुबह दत्तपुरा स्थित भरोषी की धर्मशाला के पास पड़ा मिला। जानकारी के अनुसार अंतराम पुत्र दाताराम राजौरिया अपनी बाइक पर सवार होकर कटिंग कराने बाजार आया था। इसके कुछ देर बाद उसका शव भरोषी की धर्मशाला के पास पड़ा मिला। पुलिस ने अंतराम की मौत पर मर्ग कायम कर, जांच शुरू कर दी है।
मुडिय़ाखेरा गांव के रहने वाले एक युवक की यहां संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। उसकी बाइक और शव शुक्रवार को सुबह दत्तपुरा स्थित भरोषी की धर्मशाला के पास पड़ा मिला। जानकारी के अनुसार अंतराम पुत्र दाताराम राजौरिया अपनी बाइक पर सवार होकर कटिंग कराने बाजार आया था। इसके कुछ देर बाद उसका शव भरोषी की धर्मशाला के पास पड़ा मिला। पुलिस ने अंतराम की मौत पर मर्ग कायम कर, जांच शुरू कर दी है।