एप यातायात पुलिस के उन पुलिसकर्मियों से लेकर अधिकारियों को बांटा गया, जो चेकिंग प्वाइंटस पर मौजूद रहते हैं। इस एप के जरिए नियम तोडऩे वाले का फोटो स्पॉट पर क्लिक किया कर यातायात थाने के सर्वर के जरिए स्टोर होगा। ट्रैफिक पुलिस इसके जरिए परिवहन विभाग से तत्काल वाहन चालक की जानकारी हासिल कर उसके पते पर ई-चालान भेजेगी। पुलिस अफसर बताते हैं कि इस एप से टाइम की बचत होगी इसके अलावा वाहन चालकों से फिजूल की बहस से निजात मिलेगी। शुक्रवार को आईजी ने इस एप को यातायात पुलिस को सौंपा। एएसपी क्राइम और ट्रैफिक पंकज पांडेय ने बताया एप यातायात पुलिस के उन सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन में लोड कराया गया है, जिन्हें चालान करने का अधिकार है।
टाइम और मैनपावर की बचत
यातायात नियम तोडऩे वाले चालानी कार्रवाई से बचने के लिए बहस और सिफारिश करते हैं। एप के जरिए उन्हें पुलिसकर्मी बहस का मौका नहीं देंगे। फोटो क्लिक होते ही ट्रैफिक थाने में उनका डिटेल खगांलने का काम शुरू होगा और कुछ देर बाद ई-चालान वाहन चालक के पते पर डिलीवर कर दिया जाएगा।
पुराने तरीके में कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी से सात दिन के फुटेज की सीडी यातायात थाने भेजी जाती थी। उसके फुटेज के जरिए यातायात नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों को पहचान कर वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए उनके नाम पते परिवहन विभाग से मंगवा कर ई-चालान भेजा जाता था। इसमें पुलिसकर्मी और वक्त दोनों ज्यादा इस्तेमाल होते थे।
अब समय की होगी बचत : आईजी
आईजी ने बताया ट्रैफिक पर नजर चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से रहती है, यह कैमरे फिक्स हैं, कई बार फुटेज साफ नहीं आने से नियम तोडऩे वाले गलती करने के बावजूद बच जाते थे। पुलिसकर्मी दिनभर जो कार्रवाई करते थे उसे थाने आकर रजिस्टर में दर्ज करना पड़ता था। अब इससे भी उन्हें निजात मिलेगी। ऑन स्पॉट क्लिक किया फोटो ट्रैफिक थाने में लगे सर्वर के जरिए कम्प्यूटर में लोड होगा। उसे थाने वापसी के वक्त कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मी को रजिस्टर में दर्ज नहीं करना पड़ेगा। जरूरत पडऩे पर प्रिंट आऊट से कार्रवाई का ब्यौरा मिल जाएगा। पुलिसकर्मी ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों के मौके पर ही फोटो खींचेंगे तो फुटेज भी साफ होंगे तो गलती करने वालों के बच निकलने की गुंजाइश भी कम होगी।