पिछले कुछ दिन से आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण दलित परिवार के घर खाना बनाना तो दूर चूल्हा भी नहीं जल रहा था इसलिए पूरा परिवार अन्न के दाने के लिए मोहताज था। पत्रिका ने इस ओर अधिकारियों को ध्यान आ•ॢषत कराया और उसको मदद मिल गई। भगीता का पुरा निवासी विश्वजीत पुत्र गोपाल जाटव ने बताया कि वह पिछले 10 वर्षों से मोहल्ले में रहकर मजदूरी का काम कर रहा है जिसके पास ना तो कोई राशनकार्ड है और ना ही कोई मजदूरी कार्ड फिर भी मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था, लेकिन अचानक लॉकडाउन के चलते रोजगार छिन गया और घर में कैद हो जाने से रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। अगर पत्रिका अखवार ने मेरा दर्द बयां नहीं किया होता तो अभी तक मुझे मदद नहीं मिली होती।