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खाद के लिए किसान खा रहे धक्के, टोकन बांट रहे आर आई को आया गुस्सा

- किसान बोले: अति वर्षा के चलते खरीफ की फसल नष्ट हो गई और अब रबी की फसल के लिए नहीं मिल रहा खाद, कैसे होगा गुजारा - पिछले आठ दिन से किसान वितरण केन्द्रों पर पहुंच रहे परंतु नहीं मिल रहा डीएपी

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मुरैना. खाद वितरण की व्यवस्था का सुदृढ़ करने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। किसानों का दर्द है कि अति वर्षा से खरीफ की फसल बर्बाद हो चुकी है और अब पर्याप्त खाद न मिलने से रबी की फसल के लाले पड़ गए हैं, ऐसी स्थिति में कैसे गुजारा होगा। वहीं डीएमओ के गोदाम पर खाद के लिए टोकन बांट रहे राजस्व निरीक्षक भारती को अचानक गुस्सा आ गया और उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर किसानों को धक्का देना शुरू कर दिया। केन्द्र पर बनाया गया वीडियो पूरे घटनाक्रम का गवाह है।
शहर के सभी वितरण केन्द्रों के टोकन किसानों को डीएमओ गोदाम से वितरित किए जाते हैं। पिछले दो सप्ताह से रोजाना सैकड़ों किसान डीएमओ गोदाम पर पहुंचते हैं, उनको टोकन तो सुबह सात बजे ही वितरित कर दिए जाते हैं परंतु खाद कार्यालयीन समय साढ़े दस बजे के बाद मिलता है। प्रशासन अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं बना सका कि टोकन के तुरंत बाद ही किसानों को खाद मिल सके। सोमवार को करीब डेढ़ हजार किसान आया था, उनमें से करीब 1100 को टोकन दिया गया, उनमें से भी किसी को दो दिन बाद तो किसी को छह दिन बाद का टोकन दिया गया। किसानों का कहना था कि सरसों की बोनी तो अभी हो रही है, छह दिन तक इंतजार करेंगे तो बोनी लेट हो जाएगी। खाद वितरण को लेकर आए दिन जिले भर कहीं न कहीं हंगामा, चक्काजाम की स्थिति बन रही है लेकिन प्रशासन ऐसी व्यवस्था नहीं बना सका कि किसानों का पूरा दिन खराब न हो और जिस दिन आए उसी दिन खाद मिल जाए। वही किसानों को ऐसे टोकन दिए जा रहे हैं, जिन खाद के नाम किसान ने अभी तक सुने ही नहीं हैं। ऐसा लगता है कि किसानों को सिर्फ टोकन इसलिए थमा दिए जाते हैं जिससे वह हंगामा न करें और टोकन लेकर शांत रहें।

  • सुबह सात बजे एसडीएम, तहसीलदार पहुंचे, परंतु नहीं खुलताखाद वितरण काउंटरडीएमओ के गोदाम पर गुरुवार को टोकन बंटवाने एसडीएम भूपेन्द्र सिंह, तहसीलदार कुलदीप दुबे सुबह सात बजे पहुंच गए थे और टोकन बंटवाकर वापस चले लेकिन काउंटर पर कर्मचारी वही कार्यालयीन समय पर साढ़े दस से 11 बजे तक ही पहुंचते हैं। यह स्थिति एक दिन की नहीं हैं, बल्कि रोजना की है। अगर अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी सुबह जल्दी पहुंच जाएं तो किसानों को दोबारा घंटों लाइन में लगकर काउंटर खुलने का इंतजार नहीं करना पड़े।क्या कहते हैं किसान
  • दस बीघा खेत में सरसों की बोनी अभी करनी हैं। दो कट्टा दे रहे हैं, उसका भी टोकन 22 अक्टूबर का दे दिया है, तब तक बोनी में काफी देरी हो चुकी होगी।अजय शर्मा, खासखेड़ा
  • तीन बीघा खेत में सरसों की बोनी करनी हैं। वितरण केन्द्र पर आते हैं तब तक टोकन बंट जाते हैं, ऐसी स्थिति में खाद कैसे मिलेगा।रनिया, बम्हन पुरा
  • आठ अक्टूबर से लगातार वितरण केन्द्र पर आ रहा हूं, 12 बीघा खेत सरसों की बोनी के लिए तैयार पड़ा है। ऐसी स्थिति में कैसे बोनी हो पाएगी।विनोद कुशवाह, गदाल पुराकथन
  • किसानों को ऑफिस खुलने तक इंतजार न करना पड़े, इस दिशा में बात करते हैं कि एक कर्मचारी सुबह आकर किसानों को टोकन लेकर पैसा जमा करके पर्ची दे जाए।भूपेन्द्र सिंह, एसडीएम