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यूरिया के लिए लाइन में लगे किसान, दो बजे बंद कर दिया काउंटर, किया हंगामा

locationमोरेनाPublished: Oct 12, 2023 03:58:53 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

- किसानों ने कहा, सरसों बेचकर मंडी से लौटे तब तक बंद हो गया काउंटर

यूरिया के लिए लाइन में लगे किसान, दो बजे बंद कर दिया काउंटर,  किया हंगामा
यूरिया के लिए लाइन में लगे किसान, दो बजे बंद कर दिया काउंटर, किया हंगामा
मुरैना. यूरिया खाद के लिए किसान सुबह चार बजे से लाइन में लगे तब दस बजे पर्ची मिली और अपनी फसल बेचने मंडी चले गए, लौटकर आए तो दो बजे काउंटर बंद कर कर्मचारी चले गए। जब किसानों ने हंगामा किया तो अधिकारियों के हस्तक्षेप के चलते दोबारा काउंटर खोला गया। नियमानुसार काउंटर सुबह दस बजे से शाम पांच बजे खुला रहना चाहिए लेकिन कर्मचारी दोपहर दो बजे काउंटर बंद कर चले गए जिससे किसान परेशान हुए।
किसान सरसों की बोवनी के लिए खाद लेने गांव से शहर आया। पहले पर्ची के लिए पांच से छह घंटे लाइन में लगना पड़ा, पर्ची लेकर कुछ किसान अपनी फसल बेचने मंडी चले गए, जब फसल के दाम लेकर लौटे तो काउंटर बंद मिला। सरसों की बोवनी के लिए किसानों को यूरिया की आवश्यकता पड़ रही है। शहर में वितरण व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होने पर किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रवी की फसल हो या खरीफ की हर बार किसानों को यूरिया के लिए मारा मारी करनी पड़ती है। जितनी यूरिया की आवश्यकता है, उतना नहीं मिल रहा इसलिए किसानों को बार बार लाइन में लगना पड़ रहा है।
आवश्यकता दस कट्टे की, मिल रहे तीन
किसानों ने कहा कि हमको दस कट्टे चाहिए और यहां एक बार लाइन में लगने पर तीन कट्टे ही मिल रहे हैं। अगर ज्यादा कट्टे चाहिए तो बार बार लाइन में लगना होगा, तब यूरिया के कट्टे ले सकते हैं। व्यवस्था को लेकर किसानों का काफी नाराजगी जताई। उधर कुछ किसान सुबह चार से पांच बजे के आए, उनको पूरा दिन यूरिया लेने में ही निकल गया।
क्या कहते हैं किसान
- रात को तीन बजे आया था। सुबह दस बजे पर्ची लेकर मंडी चले गए। अनाज बेचकर आए तो दो बजे हमारे सामने काउंटर बंद कर दिया। हमने काफी निवेदन किया, लेकिन कर्मचारियों ने नहीं सुना। दो हजार भाड़े पर ट्रैक्टर लेकर आए।
रविन्द्र राजपूत, किसान
- सुबह पर्ची लेकर हम अपनी फसल बेचने चले गए। मैंने अपना लडक़ा भी भेजा था कि मंडी में माल तुल गया है, अभी पैसे मिल रहे हैं, उसके बाद हम खाद ले जाएंगे लेकिन कर्मचारियों ने दो बजे काउंटर बंद कर दिया।
कमलेश सिंह, किसान
- हमारी खेती के हिसाब से 25 कट्टे की आवश्यकता है। यहां घंटों लाइन में लगे तब तीन कट्टे की पर्ची मिली है। अब और कट्टे लेने हैं तो फिर से कई बार लाइन में लगना पड़ेगा, तब फसल की बोवनी में विलंब हो जाएगा।
गब्बर ङ्क्षसह यादव, किसान
- मैं वृद्ध आदमी हूं, सुबह पांच बजे इसलिए आया कि पहले लाइन में लग जाएंगे तो जल्दी पर्ची मिल जाएगी। पर्ची पांच घंटे लाइन में लगने के बाद मिली है। वह भी तीन कट्टे की और आवश्यकता दस कट्टे की है।
शंकर सिंह कुशवाह, किसान
कथन
- कृषि मंडी में डीएमओ के केन्द्र से किसानों को यूरिया वितरित किया जा रहा है। दो बजे काउंटर बंद होने की मुझे जानकारी मिली तो मैं स्वयं मौके पर पहुंचा, काउंटर दोबारा खुलवाया और जो किसान वहां खड़े थे, उनको यूरिया वितरित करवाया गया।
शिशिर सिन्हा, जिला विपणन अधिकारी
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