बता दें कि सितंबर में बारिश न होने से किसानों के सामने न केवल खरीफ की पछेती फसलों पर संकट है बल्कि रबी फसलों की बोवनी के लिए तैयारियों में व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि बोवनी के लिए तो किसानों के पास समय है, लेकिन खेतों की तैयारियों को लेकर चिंतित थे। एबीसी में बैठकर तो शुक्रवार को ही युवा कांग्रेस व कुछ किसानों ने बैठकर प्रदर्शन आंदोलन किया था। किसानों का कहना है बडा रकवा एबीसी से जुडता है इसलिए वहां पानी पहले देना चाहिए था। किसान राजू तोमर कहते हैं कि एबीसी की लंबाई अधिक होने से रकवा भी इससे अधिक सिंचित होता है। इसका पानी अंतिम छोर तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। इससे भिण्ड जिले का अटेर और फूप का हिस्सा भी जुडा है, लेकिन कब तक पानी पहुंचेगा कहा नहीं जा सकता।