लोगों को सुलभ और त्वरित इलाज मिल सके इसके लिए पुलिस महानिदेशक ने 11 मार्च को पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके लिए जिला मुख्यालय पर एक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें चंबल रेंज के आई जी सहित पुलिस के अन्य अधिकारी व कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए थे। हालांकि भोपाल से इस योजना का शुभारंभ पूरे प्रदेश में एक साथ मुख्यमंत्री ने किया था। उस कार्यक्रम को सभी जगह ऑनलाइन दिखाया गया था।
स्टेशन रोड में 15 और बागचीनी में &7 दर्ज हुई एफआइआर जिले के स्टेशन रोड थाना और बागचीनी थाने को प्रथम दौर में इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था। 11 मार्च को शुरू हुआ प्रोजेक्ट स्टेशन रोड थाने में 11 सितंबर तक चला। उसके बाद बंद हो गया। इस दौरान सिर्फ 15 एफआइआर हो सकीं। उसमें भी दो अदमचेक शामिल हैं। इसी तरह बागचीनी थाने में यह प्रोजेक्ट &1 अगस्त को बंद हो गया था। यहां &7 एफआइआर दर्ज की गई। इनमें से 24 अदमचैक हैं।
संसाधन नहीं जुटा सके एफआरवी में पता चला है कि योजना के तहत एफआरवी में आधुनिक संसाधन जुटाने थे। वह पुलिस महकमा व्यवस्था नहीं कर सका। एफआरवी के अंदर लेपटॉप, प्रिंटर सहित वह सभी उपकरण रखना था जो एफआइआर दर्ज करने में उपयोग आते थे। वहीं इन उपकरणों को संचालित करने वाले एक्सपर्ट को भी इस एफआरवी में तैनात करना था लेकिन यह व्यवस्था भी स्थायी रूप से होनी थी। संसाधन के अभाव में कई बार तो पूरी जानकारी मौके से लिखकर लाते फिर थाने पर एफआइआर की जाती लेकिन वह एफआइआर उसी एफआरवी के खाते में जोड़ दी जाती थी, जिसको उस योजना के तहत तैनात किया गया था।
– डीजीपी द्वारा शुरू किए गया पायलट प्रोजेक्ट एक प्रयोग भर था। उसकी परफोर्मेस ऊपर भेज दी है। अब आगे जैसे भी दिशा निर्देश मुख्यालय से मिलेंगे, उसी हिसाब से उस पर आगे काम किया जाएगा।
अनुराग सुजानियां, पुलिस अधीक्षक, मुरैना
अनुराग सुजानियां, पुलिस अधीक्षक, मुरैना