जानकारी के अनुसार जंगल में दोपहर में लगी आग एक घंटे में ही करीब 50 एकड़ बीहड़ की भूमि पर फैल गई। आग की लपटें करीब 30 फीट तक ऊंची उठती दिखाई दे रही थीं। हालांकि, समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, जिससे गांव में आग फैलने से बच गई। ग्रामीणों को रात भर यही चिंता सताती रही कि आग फिर से गांव तक न आ जाएं। आग फैलने से बीहड़ को कितना नुकसान हुआ है, कितने जंगली जानवरों की मृत्यु हुई है, इसका फिलहाल अभी पता नहीं चल सका है। लेकिन, चर्चा है कि छोटे जीव-जंतु आग की चपेट में आए हैं।
इसके पहले भी कई बार लग चुकी है आग
चंबल के बीहड़ क्षेत्र में इसके पहले भी कई बार आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में कई हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुके हैं। आगजनी की अधिकतर घटनाएं गर्मी के दिनों में ही होती है।
इधर, अफसर बोले- ज्यादा नुकसान नहीं हुआ
आगजनी में कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। पेड़-पौधे ही जले हैं। संवावना है कि पशुओं को चराने आने वाले किसी व्यक्ति ने बीड़ी आदि जलाकर फेंक दी होगी, इस वजह से आगजनी की घटना हुई।
रामदास करन, डिप्टी रेंजर अम्बाह
चंबल के बीहड़ क्षेत्र में इसके पहले भी कई बार आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में कई हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुके हैं। आगजनी की अधिकतर घटनाएं गर्मी के दिनों में ही होती है।
इधर, अफसर बोले- ज्यादा नुकसान नहीं हुआ
आगजनी में कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। पेड़-पौधे ही जले हैं। संवावना है कि पशुओं को चराने आने वाले किसी व्यक्ति ने बीड़ी आदि जलाकर फेंक दी होगी, इस वजह से आगजनी की घटना हुई।
रामदास करन, डिप्टी रेंजर अम्बाह