नाले में लगी आग, लपटें देख जुटी भीड़
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3 (एबी रोड) के धौलपुर रोड पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में खतरनाक केमिकल का उपयोग किया जा रहा है। यह केमिकल जबरदस्त ज्वलनशील भी है। यहां एक नाले में डाले जा रहे इस तरल में मंगलवार को सुबह अज्ञात कारणों से आग लग गई। ज्वलनशील केमिकल होने से आग की लपटें देखते ही देखते ऊंची हो गईं और जहरीला धुआं चारों ओर फैल गया। आग की लपटें देखकर अफरा-तफरी मच गई।

मुरैना. बताया गया है कि दो दिन पहले इसी नाले में एक गाय गिर गई थी। केमिकल शायद उसके पेट में भी चला गया था, जिससे वह बीमार हो गई। उपचार कराए जाने के बावजूद गाय की मंगलवार को मौत हो गई। गोसेवा करने वाले राकेश तोमर अपने स्वयं सेवकों की टीम के साथ गाय की देखभाल कर रहे थे। मंगलवार को सुबह देखा तो उसी नाले में आग की लपटें उठती दिखीं। जबकि नीचे पानी भरा था और ऊपर केमिकल था। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां छोटे टैंकरों कोई केमिकल या कारखानों में उपयोग होने वाले पदार्थों के अवशेष बहाए जाते हैं। लोगों का कहना है कि आज तो समय पर देख लिया और तुरंत फायर ब्रिगेड को कॉल करके बुला लिया। वरना बड़ा हादसा भी हो सकता था। तरुण ऑयल मिल के सामने दूसरी तरफ नाले में फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल भरा हुआ है। मंगलवार की सुबह उसमें अचानक आग लगने से आसपास के लोग भयभीत हो गए। पास में ही कलावती नाम की महिला की गुमटी रखी थी। आग की लपटें उसकी गुमटी तक भी पहुंच गई थीं, लेकिन तब तक फायर कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। अधिकारी इस पर कोई प्रकाश नहीं डाल पा रहे हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि कारखानों से बेहद ज्वलनशील पदार्थों के अवशेष यहां बहाया जाना बंद होना चाहिए, वरना कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिस नाले में आग लगी है, उसमें बड़ी मात्रा में केमिकल भरा हुआ है। वहीं पास की किसी फैक्ट्री से छोटे टैंकर में कुछ भरकर लाया जाता है, उसको इस नाले में खाली किया जाता है।
डेढ़ दर्जन के करीब कारखाने हैं यहां
मिनी इंडस्ट्रियल एरिया में 15 से 18 कारखाने संचालित हैं। इनमें ज्यादातर तो खाद्य तेलों के कारखाने हैं। जबकि कुछ चिलर, आइस, पाइप और प्लास्टिक के जार बनाने के कारखाने भी हैं। हालांकि आग पकडऩे वाले किसी ज्वलनीशील पदार्थों के उपयोग पर कारखाना संचालित करने वाले लोग भी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी भी जांच करने की बात कह रहे हैं।
कथन-
कारखानों में कुछ ज्वलनशील पदार्थों के उपयोग होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह तो देखना पड़ेगा कि आग पकडऩे वाला कौन सा केमिकल है। लेकिन आग लगने की सूचनाव तो किसी ने दी नहीं। हम जांच कराएंगे।
अनूप चौबे, प्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, मुरैना।
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