scriptपहला कोरोना पॉजीटिव मिला जिसकी कोई हिस्ट्री नहीं | First corona positive was found which has no history | Patrika News

पहला कोरोना पॉजीटिव मिला जिसकी कोई हिस्ट्री नहीं

locationमोरेनाPublished: May 29, 2020 09:25:37 pm

Submitted by:

Ashok Sharma

परिजन व रिश्तेदारों को पहुंचाया अस्पताल

पहला कोरोना पॉजीटिव मिला जिसकी कोई हिस्ट्री नहीं

पहला कोरोना पॉजीटिव मिला जिसकी कोई हिस्ट्री नहीं


मुरैना. गुरुवार को देर रात आई रिपोर्ट में जिले का पहला कोरोना पॉजीटिव मरीज मिला है जिसकी कोई ट्रवल हिस्ट्री नहीं हैं। अभी तक जितने भी कोरोना पॉजीटिव मरीज मिले हैं, वह बाहर से आए हुए थे या फिर उनके परिजन थे लेकिन यह मरीज पहला है जो कम्यूनिटी वाला है। इसको लेकर प्रशासन बेहद चिंतित हैं और चिंता वाली बात है भी, क्योंकि इस मरीज से न जाने कितने संक्रमित हुए होंगे। अस्पताल प्रबंधन ने इस मरीज के परिजन व इसके संपर्क में आए रिश्तेदारों को जिला अस्पताल पहुंचा दिया है। उनकी सेंपलिंग कराई जाएगी।
इस मरीज का मूलतह गांव डोंगरपुर है लेकिन फाटक बाहर मुख्य सडक़ पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुरारीलाल खस के नजदीक ही है। यह युवक पिछले तीन महीने से घर पर ही है। इसके मकान में मोबाइल रिपेयरिंग, एम पी ऑनलाइन, हेयर सेलून की दुकान हैं, उन पर इसका उठना बैठना था। २६ मई को इस युवक को खांसी आई तो दवा लेने जिला अस्पताल पहुंचा। वहां चिकित्सक ने चेक कराने के लिए २७ मई को बुलाया। उसका सेंपल लिया और २८ मई को रिपोर्ट पॉजीटिव आई। मुरैना जिले में यह पहला कोरोना पॉजीटिव है जिसकी कोई हिस्ट्री नहीं हैं। अभी तक मिले मरीजों की हिस्ट्री होने पर संक्रमण वहीं पर रहा, कम्यूनिटी में नहीं फैल सका। लेकिन इस मरीज के मिलने से कम्यूनिटी में कोरोना फैलने की आशंका बढ़ गई है।
मॉर्निंग वाक पर जाता था जीवाजी गंज पार्क में
यह युवक रोजाना मॉर्निंग वाक पर जीवाजी गंज पार्क में जाता था। वहां न जाने कितने लोगों के संपर्क में आया होगा। इसके अलावा मकान में संचालित मोबाइल रिपेयरिंग, हेयर सेलून, एम पी ऑनलाइन की दुकान पर उठना बैठना था। वहां दिन भर में दर्जनों लोगों का आना जाना था, उनसे भी इसका मिलना जुलना रहा होगा। इसके अलावा वो दुकानदार, उनके परिजन सभी का चेकअप कराना जरूरी है नहीं तो स्थिति बिगड़ सकती है।
परिजन को रखा मरीजों के बीच रखा
कोरोना पॉजीटिव मरीज के पिता ने बताया है कि जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखकर चिंता और बढ़ गई है। यहां पहले से ही काफी मरीज थे, उसी वार्ड में हमको रखा गया है। इससे तो संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है। हम कैसे जानें कि ये जो भर्ती हैं उनमें कोई संक्रमित नहीं होगा। यह व्यवस्था तो गलत है। जिन लोगों को १०८ एम्बूलेंस से अस्पताल ले जाया गया है उनमें पॉजीटिव मरीज के माता, पिता, भाई, भाई की पत्नी और एक डेढ़ साल का बच्चा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो