ग्राम पंचायत नायकपुरा के मजरा नदुआपुरा में 30 घरों की बस्ती है। इनमें करीब 200 लोग निवास करते हैं। हर साल चंबल में बाढ़ आने पर घिर जाते हैं। लेकिन इस साल तो उनके मकान और सामान सब नष्ट हो गए। जिले में ऐसे गांवों की संख्या करीब एक दर्जन है। जो हर साल बाढ़ का सामना करते हैं। पोरसा के भूपकापुरा और साहसपुरा सहित 3 गांव के लोगों ने भी शनिवार को पुनर्वास की इच्छा जाहिर की थी।
ग्रामीणों का कहना है कि आगरा से ग्वालियर के बीच तीसरे रेलवे लाइन के लिए चल रहे कार्य की साइट के पास ही बहुत सी सरकारी जगह है। यहां ग्रामीणों को सरकारी जमीन मकान बनाने के लिए उपलब्ध कराई जा सकती है।
इइ जल संसाधन विभाग मुरैना बीके जैन कहा, चंबल में सुबह कोटा बैराज से 1.95 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। अंचल में भी बारिश की संभावना है, लेकिन इसके बावजूद अब बाढ़ जैसे हालात नहीं बनेंगे। लोगों को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए।