जीर्णोद्धार के लिए सड़कों के चयन में गूगल मैप का सहारा
मोरेनाPublished: Oct 16, 2019 09:53:28 pm
10 साल या इससे पुरानी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। सड़कों की उपयोगिता और प्राथमिकताओं को तय करने के लिए तकनीकी तरीके अपनाए जा रहे हैं। गूगल मैप के सहारे इन सड़कों का चयन किया जा रहा है। हालांकि जन प्रतिनिधियों के प्रस्तावों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। बुधवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों ने इस पर विचार किया।
सड़कों की मरम्मत क कार्ययोजना पर मंथन करते जनप्रतिनिधि व अधिकारी।
मुरैना. कलेक्टर प्रियंका दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि गूगल मैप के माध्यम से सड़कों का चयन किया जा चुका है। अब जन प्रतिनिधि अपने संशोधन या नए प्रस्ताव इन पर दें तो उन पर भी विचार कर उचित निर्णय लिय जाएगा। इस योजना में कुल बजट का 60 प्रतिशत केंद्र और 40 फसदी राज्य सरकार खर्च करेगी। गूगल मैप के आधार पर सड़कों के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव तैयार करने के बाद जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके इस पर चर्चा की गई। हालांकि इस बैठक में केवल दिमनी विधायक ही स्वयं मौजूद रहे। बाकी सांसद और विधायकों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कोई भी सड़क 5 किमी से कम की नहीं होगी
सड़कोंं के मरम्मत प्रस्ताव में शामिल सड़कोंं की लंबाई 5 किमी से कम नहीं होगी। यदि आवश्यकता और प्राथमिकता के आधार जन प्रतिनिधि किसी सड़क का प्रस्ताव देंगे तो उसमें इस बात का खास ध्यान रखना पड़ेगा। बैठक में दिमनी विधायक गिर्राज डंडोतिया, सांसद प्रतिनिधि पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर, जिला पंचायत अध्यक्ष गीता हर्षाना, विधायक प्रतिनिधि, अंबाह, सुमावली, मुरैना, जौरा, सबलगढ, जनपद अध्यक्ष मुरैना मुन्नी देवी, जनपद अध्यक्ष अंबाह, पोरसा, कैलारस, पहाडग़ढ़ और जौरा के अलावा सहित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रबंधक एमपी कोरी मौजूद रहे।
जन प्रतिनिधियों को रविवार तक देने होंगे प्रस्ताव
जीर्णोद्धार कार्य योजना में शामिल कराने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों के प्रस्ताव जन प्रतिनिधियों को रविवार तक ही जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने होंगे। कलेक्टर ने कहा कि यह सड़कें 5.5 मीटर चौड़ी होंगी। 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर जन सुविधाओं वाली सड़कों को प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें अस्पताल, महाविद्यालय, स्कूल एवं अन्य जरूरी सेवाओं से जुड़ी सड़कें शामिल की जाएंगी। इसमें क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया भी शामिल रहेंगे। जनपद एवं जिला स्तर से इसके प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं।