यहां बता दें कि टीकाकरण के दिन सुबह नौ से शाम पांच बजे तक वैक्सीनेशन का समय निर्धारित था, लेकिन व्यवस्थाएं ठीक न होने के कारण देर से शुरू हुए टीकाकरण का समय सात बजे तक बढ़ाया गया था। इसके बावजूद जिले भर में 700 लोगों के लक्ष्य के विरुद्ध महज 461 को ही टीके लगाए जा सके। जबकि टीका लगवाने वाले लोगों का पहले से पंजीयन पोर्टल पर कराया जा चुका था। पत्रिका ने कम टीकाकरण पर सवाल उठाया था। हालांकि पहले दिन कम टीकाकरण के अनेक कारण बताए गए थे। इनमें कर्मचारियों के अपडाउन करने से ग्वालियर ेमें होना, कुछ के यात्रा पर जिले से बाहर होना और कुछ महिलाओं के गर्भवती होने और कुछ पंजीकृत व्यक्तियों के बुखार पीडि़त होने की बात कही गई थी। लेकिन सोमवार को टीकाकरण के दूसरे दिन भी खास अंतर नहीं दिखा।
दूसरे दिन में लक्ष्य से रहे पीछे जिले भर में सात टीकाकरण केद्रों पर प्रति केंद्र 100 के हिसाब से 700 लोगों को दूसरे दिन भी टीके लगने थे, लेकिन सोमवार को भी 470 लोगों को ही टीके लग पाए। दूसरे दिन चिकित्सकों ने भी टीके लगवाए। चिकित्सकों का मानना है कि मन में अनावश्यक भ्रम पाले हुए हैं। पहले दिन जिन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने टीके लगवाए थे उन्हें किसी भी प्रकार समस्या नहीं आ रही है।
दूसरे दिन कहां कितने लगे टीके केंद्र टीकाकरण जिला अस्प. 75 पीएचसी रामनगर 72 सिविल अस्प. अंबाह 40 सीएचसी सबलगढ़ 74 सीएचसी कैलारस 78 सीएचसी पोरसा 65
सीएचसी पहाडग़ढ़ 66 कुल 470
कथन- कोरोना संक्रमण के विरुद्ध टीकाकरण शत- प्रतिशत पूरे प्रदेश में नहीं हो पा रहा है। कोशिश की जा रही है कि रोज लक्ष्य के अनुरूप टीके लगवाए जाएं।
कथन- कोरोना संक्रमण के विरुद्ध टीकाकरण शत- प्रतिशत पूरे प्रदेश में नहीं हो पा रहा है। कोशिश की जा रही है कि रोज लक्ष्य के अनुरूप टीके लगवाए जाएं।
डॉ. आरसी बांदिल, सीएमएचओ, मुरैना