पहले टीके को लेकर सभी को उत्सुकता थी। सब कुछ तय समय पर हो इसके लिए कलेक्टर बी कार्तिकेयन नौ बजे के कुछ बाद ही पहुंच गए। टीका लगान वाले कर्मचारी और लगवाने वाले हितग्राही दोनों ही इसे लेकर उत्साहित थे। नर्सेस टीका लगाने के साथ ही लोगों को बरती जाने वाली एहतियात के बारे में भी बताती जा रही थीं, लेकिन जगह की कमी खली। प्रसूति वार्ड के पहले गेट से टीकाकरण करवाने वाले लोगों के प्रवेश की व्यवस्था की गई थी। शुरू में ही लैपटॉप पर पोर्टल की सूची के अनुसार पंजीकृत हितग्राही का नाम पता पूछने के साथ ही उसका आधारकार्ड और मोबाइल नंबर मिलाया जा रहा था। इसके बाद उसे अगले टीकाकरण कक्ष में भेजा जा रहा था, लेकिन दो से तीन मिनट का समय लगा। लोग सर्दी की वजह से गर्म कपड़ेे पहने थे और टीका कंधे पर लगाने के लिए कपड़ेे उतारने पड़ रहे थे, हालांकि टीका तो 10 सेकंड के भीतर ही लगाया जा रहा था। टीका लगने के बाद अगले कक्ष में लोगों को आधे घंटे रोककर रखा गया।
अगली तारीख बताने में अटक गए चिकित्सक टीकाकरण कराने वाले लोगों को एक क्यूआरकोड वाला कार्ड भी दिया गया। अगली तारीख को टीकाकरण के लिए आने पर इसे साथ लाना होगा। इसमें कोरोना टीकाकरण का वितरण का नाम लिखा है, लेकिन तारीख नहीं दी गई थी। कलेक्टर कार्तिकेयन ने रामवीर को क्यूआर कोड वाला कार्ड देते इस कमी को पकड़ लिया। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. आरसी बांदिल, सीएस डॉ. अशोक कुमार गुप्ता व डॉ. पद्मेश उपाध्याय से इस संबंध में सवाल किया। कलेक्टर ने कहा कि टीका लगवाने वाले व्यक्ति को इस कार्ड पर अगले टीकाकरण की तारीख लिखकर दी जाए। चिकित्सकों ने गणना करके 13 फरवरी की तारीख तय की।